प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हर किसान के लिए काफी अहम मानी जाती है. इस बीमा योजना के तहत फसलों में किसानों के हिस्से के प्रीमियम में सरकार बदलाव नहीं करेगी. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. एक कृषि सम्मेलन में पीएमएफबीवाई के सीईओ और कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव आशीष के. भूटानी ने कहा, 'किसानों के प्रीमियम में बदलाव की बात सही नहीं है. फसल बीमा योजना के तहत किसानों के प्रीमियम हिस्से में बदलाव किसी भी परिस्थिति में बदलने वाला नहीं है.' भूटानी ने स्पष्ट किया कि न तो किसानों का प्रीमियम बदला गया है और न ही भविष्य में इसे समाप्त किया जाएगा. भारत और पाक के बीच दो टूक वार्ता, कही यह बात मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसानों को भुगतान दावों के निस्तारण में देरी संबंधी आलोचनाओं के बारे में अधिकारी ने कहा कि यह मुख्य रूप से तीन कारणों से होता है.उन्होंने कहा, 'इस देरी का प्रमुख कारण राज्य सब्सिडी का समय पर नहीं आना है. दूसरा बीमा कंपनियों को फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) आंकड़े देने में होने वाली देरी है. तीसरा कारण राज्यों के द्वारा संग्रहीत सीसीई आंकड़ों पर कंपनियों द्वारा उठाया गया विवाद है.' भूटानी ने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं.निर्धारित समय सीमा से परे बीमा कंपनियों को अपेक्षित प्रीमियम सब्सिडी जारी करने में काफी देरी किए जाने की स्थिति में राज्यों को बाद के सत्रों में योजना को लागू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अमेरिका की बढ़ी चिंता, जानें संक्रमण को लेकर खुपिया एजेंसियों ने क्या कहा इस मामले को लेकर उन्होंने कहा कि खरीफ और रबी सीजन के लिए इस प्रावधान को लागू करने की कट--ऑफ तारीखें क्रमश: 31 मार्च और 30 सितंबर होंगी. कंपनियों की नहीं चलती मनमानीबीमा कंपनियां को योजना के जरिये धन लाभ होने संबंधी खबरों का खंडन करते हुए अधिकारी ने कहा, 'यह सही नहीं है. मोटर बीमा में थर्ड पार्टी आकलनकर्ता होता है, लेकिन यहां दावा प्रतियोगिता की पूरी कवायद राज्य सरकार के पास होती है. तेज रफ़्तार ट्रेन की चपेट में आई यात्री बस, 20 लोगों की दर्दनाक मौत, कई घायल दक्षिण कोरिया में कोरोना का प्रकोप गहराया, 594 नए मामले आए सामने क्या ताहिर के आतंकी ताल्लुक की जाँच कर रहे थे अंकित शर्मा ? सुब्रमण्यम स्वामी का गंभीर आरोप