जयपुर : विश्व महिला दिवस के दिन ही राजस्थान में कॉलेज स्टूडेंट के लिए ड्रेस कोड लागू करने के सरकार के आदेश के बाद विवाद को शांत करते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे स्वैच्छिक किए जाने की बात कही है. सीएम ने लड़कियों के कॉलेज में जींस पहनने पर रोक अौर सलवार-साड़ी के ड्रेस कोड वाले कॉलेज निदेशालय के आदेश के पीछे वजह का जिक्र अपने एक ट्वीट में किया है. ट्विटर पर उन्होंने कहा है कि कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने छात्र प्रतिनिधियों के सुझावों को ध्यान में रखते हुए कॉलेज में यूनिफॉर्म अनिवार्य करने के निर्देश जारी किये थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मुझे मालूम हुआ कि कई छात्राएं इस फैसले से सहमत नहीं हैं, जिसके चलते अब कॉलेज में यूनिफॉर्म पहनना स्वैच्छिक किया जाता है. सीएम वसुंधरा ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए यह भी कहा कि 'हम प्रदेश में छात्राओं का पढ़ाई में प्रदर्शन बेहतर करने के लिए और उनके व्यक्तिगत विकास को प्रगति देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं और करते रहेंगे'. सोमवार को सरकार ने यू-टर्न लेते हुए यूनिफॉर्म की बाध्यता से इनकार कर दिया था. उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने उदयपुर में स्पष्ट किया कि सरकार ने पूर्व में स्टूडेंट्स की मांग पर ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा की थी. लेकिन स्टूडेंट्स की मांग पर ही इसमें संशोधन किया है. उन्होंने कहा कि कॉलेज आयुक्तालय के संशोधित आदेश के अनुसार कॉलेज प्रशासन और स्टूडेंट्स पर निर्भर है कि वे अपने यहां यूनिफोर्म लागू करना चाहते हैं या नहीं. राज्य सरकार की ओर से इस तरह की कोई बाध्यता नहीं है. सरकारी कर्मचारियों के लिए खुश ख़बरी महिला दिवस पर राजस्थान सरकार का विवादित फैसला नाबालिगों से दुष्‍कर्म पर फांसी का कानून