नई दिल्ली : पिछले कई हफ्तों से देश में प्याज, टमाटर, रिफाइंड ऑयल जैसे जरूरी खाद्य उत्पादों की कीमत में लगातार वृद्धि हो रही है. केंद्र सरकार ने कुछ उत्पादों की कीमत वृद्धि के लिए मानसून के अलावा मांग और आपूर्ति के असंतुलन का कारण बताया है. हालाँकि महंगाई की दस्तक पर सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए केन्द्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी है. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं. खुदरा बाज़ार में प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है . सरकार प्याज की कीमतों में वृद्धि के लिए मानसून की गड़बड़ी और प्याज की बुआई का रकबा घटने का कारण बता रही है.जीएसटी लागू होने के बाद यह स्थिति आने की आशंका ज़ाहिर की गई थी.इसलिए सरकार की भी कोशिश है कि देश में जरूरी खाद्य उत्पादों की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे. बता दें कि प्याज की कीमतें फिर बेकाबू न हो जाए, इसलिए केन्द्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने का फैसला कर लिया है. इस फैसले के अनुसार 2015 के बाद एक बार फिर देश से प्याज एक्सपोर्ट करने पर मिनिमम एक्सपोर्ट टैक्स (मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस) अदा करना होगा.हालाँकि अभी इसकी दर तय नहीं की गई है. लेकिन सूत्रों के अनुसार 700-800 डॉलर प्रति टन की दर की घोषणा की जा सकती है. यह भी देखें जीएसटी रिटर्न को आसान बनाने में जुटी सरकार टायरों के निवेश में छुपी प्रगति की गति