नोएडा. नोएडा में रियल स्टेट कंपनियों की फैलाई गड़बड़ को सरकार सुधारने की कोशिश कर रही है. मंत्री समूह ने सोमवार को गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी लव कुमार को निर्देश दिया कि अपने ग्राहकों को 5,000 घरों की डिलिवरी नहीं देनेवाले इन 8 बिल्डरों को अरेस्ट किया जाए. हालांकि, नोएडा के अधिकारियों ने इन बिल्डरों के नाम बताने से इनकार कर दिया. खबरों के अनुसार सितंबर महीने में उन छह बिल्डरों के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज किए गए जिनके प्रॉजेक्ट्स नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हैं. अगस्त में इसी मंत्री समूह की बैठक के बाद आम्रपाली, सुपरटेक, अल्पाइन रियलटेक, प्रोव्यू ग्रुप, टुडे होम्स और जेएनसी कंस्ट्रक्शन्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इन पर आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखेबाजी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. इस साल अगस्त में योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनी तीन मंत्रियों की कमेटी ने ये फैसला लिया. इसमें शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश महाना और गन्ना चीनी मिल विकास प्रभारी सुरेश राणा सदस्य थे. कमेटी का कहना है कि 2017 खत्म होते-होते नोएडा में 11,000 फ्लैट डिलीवर किए जाएंगे. ग्रेटर नोएडा के करीब 5,000 फ्लैट्स को जनवरी 2018 तक तैयार कर लिए जाने पर जोर दिया जा रहा है. दिल्ली: केन्याई लड़की से नाइजीरियन ने किया रेप RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक पर सबकी नज़र मूडीज के विपरीत फिच का अनुमान