नई दिल्ली: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया तथा ओटीटी प्लेटफॉर्म के नए दिशा-निर्देशों का विरोध किया। उन्होंने इसपर अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए कई ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में ओवैसी ने लिखा कि वर्तमान में कई मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म एन्क्रिप्टेड हैं। हम आपस में क्या संदेश भेज रहे हैं अबतक इसकी जानकारी केवल आप और संदेश रिसीव करने वाली को मिलती थी किन्तु अब सरकारी नियम उन प्लेटफॉर्मस को फॉरवर्ड किए गए संदेशों के प्रोमोटर का पता लगाने के लिए रोकना चाहते हैं।” उन्होंने अपने एक और ट्वीट में बताया कि सरकार सोशल मीडिया प्लैटफॉर्मस को देश की संप्रभुता / अखंडता, प्रदेश की सुरक्षा, विदेशी प्रदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, अथवा सार्वजनिक व्यवस्था’ का हवाला देते हुए व्यक्तियों के संदेश को सरकार तक पहुंचाने पर विवश कर रही है। उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “सरकार के पास पूर्व से ही सर्वेक्षण के लिए काफी ज्यादा शक्ति हैं किन्तु हमारे पास कोई भी प्राइवेसी कानून नहीं हैं जो हमें एक ऐसी सरकार से बचाए जो निरंतर आपकी व्यक्तिगत चर्चा के बारे में जानना चाहता है। केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। इसकी घोषणा बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर तथा केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की। ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सरकार की तरफ से तीन फ्रेमवर्क बनाए गए हैं। नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को केंद्र सरकार के नोटिस के 72 घंटे के भीतर उस पर कार्यवाही करनी होगी, टेक कंपनियों को शिकायत अफसर की नियुक्ति करनी होगी, चीफ कंपलायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी, कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अफसर की नियुक्ति करनी होगी।’ मोहम्मद बिन सलमान के कहने पर ही हुआ था जमाल खशोगी का क़त्ल, अमेरिकी रिपोर्ट में बड़ा दावा जेल तोड़कर भागे 350 से अधिक कैदी, हिंसक झड़प में 20 से अधिक कैदियों की हुई मौत असम में 3 चरणों में होगा मतदान, CAA-NRC रहेंगे प्रमुख मुद्दे