केंद्रीय बिजली विभाग ने राजधानी दिल्ली के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्रों पर स्थानीय यात्रा के लिए ई-वाहनों के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है. इन निर्देशों के पीछे सरकार की योजना साल 2030 तक 30 प्रतिशत वाहनों को बैटरी चालित वाहनों में तब्दील करने की है. इस बात की जानकारी बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने विभिन्न मंत्रालयों को पत्र लिखकर दी. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, 'केंद्र ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को तेजी से बढ़ाने का फैसला किया है. यह कदम न केवल पर्यावरण अनुकूल हैं, बल्कि इससे हमारी कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को भी कम किया जा सकेगा.' केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह ने पत्र में कहा कि, 'इस योजना के पहले चरण में सभी मंत्रालयों- विभागों, उनके संबद्ध- अधीनस्थ कार्यालय, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित सार्वजनिक क्षेत्र को उपक्रमों को स्थानीय स्तर पर ई- वाहनों का इस्तेमाल करना होगा'. बता दें कि बिजली मंत्रालय ने इस योजना के लिए 10,000 ई-वाहनों का आर्डर भी दिया है. इस पत्र में कहा गया है कि विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग सुविधाएं भी लगाई जाएंगी. बिजली मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि किसी भी इलेक्ट्रिक कार को एक बार फुल चार्ज करने के बाद उससे करीब 130 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकता है. वहीं इस कार को चलने में पैट्रोल कार की तुलना में एक-तिहाई लगत आती है. साथ ही इन वाहनों ने वायु प्रदुषण को भी कम करने में मदद मिलेगी. इंडियन मोटरसाइकिल्स पर 3 लाख की छूट मारुती की सस्बे सस्ती कांसेप्ट कार, जल्द होगी लांच शानदार माइलेज के साथ भारत में लांच हुई फॉक्सवैगन की नई पोलो