हैदराबाद: लोकसभा सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर इंटेलिजेंस ब्यूरो और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RA&W) जैसी देश की प्रमुख खुफिया एजेंसियों में नियुक्तियों के मामले में मुसलमानों के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए, ओवैसी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ शासन लगातार मुसलमानों से वफादारी का सबूत मांगता है, लेकिन वे उन्हें कभी भी समान साथी नागरिक के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं। ओवैसी ने कहा कि, "दशकों में पहली बार, इंटेलिजेंस ब्यूरो के वरिष्ठ नेतृत्व में कोई मुस्लिम अधिकारी नहीं होगा। यह उस संदेह का प्रतिबिंब है जिसके साथ भाजपा मुसलमानों को देखती है। आईबी और रॉ विशेष बहुसंख्यकवादी संस्थान बन गए हैं। आप लगातार मुसलमानों से वफादारी का सबूत मांगते हैं, लेकिन कभी भी उन्हें समान साथी नागरिक के रूप में स्वीकार नहीं करते हैं।'' बता दें कि, ओवैसी ने जो रिपोर्ट साझा की है, वह एशियन एज अखबार की है, जिसमें कहा गया है कि दशकों बाद आईबी में कोई वरिष्ठ मुस्लिम IPS अधिकारी अहम पद पर नहीं होगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आखिरी वरिष्ठ मुस्लिम IPS अधिकारी एसए रिज़वी, जो विशेष निदेशक का पद संभाल रहे थे, को सलाहकार के रूप में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDRF) में स्थानांतरित कर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया था कि, "यह देखा गया है कि हाल के वर्षों में आईबी में मुस्लिम आईपीएस अधिकारियों की संख्या में काफी कमी आई है। यह पहले के शासनकाल के बिल्कुल विपरीत है जब आसिफ इब्राहिम आईबी निदेशक के पद तक पहुंच सकते थे या असम कैडर के आईपीएस अधिकारी रफीउल आलम एजेंसी में अपनी प्रतिनियुक्ति के दौरान प्रमुख पदों पर रह सकते थे।'' बता दें कि, शफ़ी अहसान रिज़वी (एसए रिज़वी) उत्तर प्रदेश कैडर के 1989 बैच के IPS अधिकारी हैं। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आदेश के अनुसार, नियुक्ति को गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था। रिजवी को इसी साल जून में अतिरिक्त निदेशक पद से विशेष निदेशक नियुक्त किया गया था। बिहार: गैर-कानूनी तरीके से भारतीय सरहद में घुस रहे दो चीनी नागरिक गिरफ्तार तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने आलोक अराधे, गवर्नर सौंदर्यराजन ने दिलाई शपथ 'हमारी पार्टी NDA का हिस्सा है, लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ लड़ेंगे..', चिराग पासवान का दावा