नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था में छाई मंदी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। कई रियल एस्टेट कंपनियां दिवालिया घोषित हो चुकी हैं। केंद्र सरकार अब इस सेक्टर को मंदी से उबारने के लिए गंभीर प्रयास शुरू कर चुकी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सेक्टर के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझ रही है। बैठक के बाद रियल एस्टेट क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए सरकार एक विशेष फंड स्थापित कर सकती है। वित्त मंत्री सीतारमण ने दो अलग-अलग बैठकें कीं, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र में पूंजी संकट, मांग में कमी और परियोजनाओं में अड़चनों पर चर्चा की गई। पहली बैठक में रियल एस्टेट क्षेत्र के दो प्रमुख संगठनों- क्रेडाई और नारेडको के साथ, जबकि दूसरी बैठक मकान खरीदने वाले लोगों के साथ हुई। बैठक में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और कंपनी मामलों के मंत्रलय के अधिकारी, वित्त मंत्रलय के आर्थिक कार्य विभाग, राजस्व विभाग व सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी तथा रेरा के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हो सकती है। इसमें अटकी परियोजनाओं को गति देने और लाखों मकान खरीदारों को संकट से निकालने के लिए एक फंड स्थापित किया जा सकता है। बैठक के बाद मंत्री पुरी ने बताया कि रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई। बैठक में कई मुद्दों पर स्थिति साफ की गई। सरकार आने वाले दिनों में कई मुद्दों का हल करेगी। गौरतलब है कि कई कंपनियां समय पर पजेसन नहीं देने के कारण कोर्ट केस में फंसी हुई हैं। ट्रकों की बिक्री घटी, ये हैं कारण GST संग्रह में 'बीमारू' राज्यों ने मारी बाजी, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का प्रदर्शन सबसे खराब सरकारी बैंकों के खुलने के समय में होगा बदलाव, अब 10 बजे से नहीं खुलेंगे बैंक !