नई दिल्ली : चीन के बढ़ते प्रभाव से मुकाबला करने और हिंद महासागर में भारत की तैयारी के तौर पर रक्षा उत्पादन के लिए अहम नीति जारी होने के बाद सरकार 60 हजार करोड़ रुपये के पनडुब्बी अभियान के लिए प्रक्रिया को आरम्भ करने जा रही है. गौरतलब है कि महत्वाकांक्षी 'स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप' मॉडल के अंतर्गत शुरू होने वाली सरकार की यह पहली परियोजना होगी. इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र के अग्रणी निर्माताओं को जोड़ना है. गत माह ही इस मॉडल को अंतिम रूप दिया गया. सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय जल्द ही इस परियोजना के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी कर सकता है,ताकि प्रक्रिया जल्द शुरू हो सके. एक अन्य सूत्र ने बताया कि इंजिनियरिंग कंपनियां लारसन ऐंड टूब्रो और रिलायंस डिफेंस ही पी-75 (आई) कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सक्षम निजी रक्षा फर्म हैं. बता दें कि स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मॉडल में तय नियमों पर केंद्रित इस परियोजना के लिए सरकार बाद में ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) के चयन की प्रक्रिया शुरू करेगी. 'परियोजना-75' के तहत फिलहाल स्कॉर्पीन श्रेणी की 6 पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है. यह भी देखें मिसाईल तकनीक में विदेशी कंपनियों की तुलना में DRDO ने मारी बाजी पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय आर्मी पूरी तरह से तैयार