तमिलनाडु। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब भैंसों की दौड़ को लेकर भी विरोध किया जा रहा है। दरअसल भैंसों की इस दौड़ को कंबाला कहा जाता है। मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक में प्रदर्शनकारी इस बात की मांग कर रहे हैं कि कंबाला को कानूनी तौर पर मान्यता मिले। कंबाला पर प्रतिबंध न लगाया जाए। गौरतलब हे कि कंबाला भैंसों की दौड़ होती है। जिसमें कीचड़ से सने खेतों में भैंसों को दौड़ाया जाता है। यह आयोजन तटीय क्षेत्रों में होता है। गौरतलब है कि इस आयोजन पर न्यायालय ने रोक लगा दी है। इतना ही नहीं 30 जनवरी को उच्च न्यायालय में फैसला होना है। ऐसे में कर्नाटक सरकार द्वारा इसे जारी रखे जाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में कहा कि सरकार इसके समर्थन में है उनका कहना था कि सरकार को उसी तरह का प्रयास करना होगा जो कि जल्लीकट्टू को लेकर किया गया है। उनका कहना था कि सरकार इस मामले में अध्यायदेश लाने पर मंथन कर रही है। जलीकट्टू को लेकर तमिलनाडु में उठ रहा जलजला तमिलनाडु विधानसभा में जलीकट्टू बिल हुआ सर्वसम्मति से पास जल्लीकट्टू हिंसा पर रजनीकांत ने कहा: ‘‘असामाजिक तत्व' छात्र आंदोलन को कर रहे हैं बदनाम