रांची: झारखंड के 45 लाख मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों के लिए काम की खबर सामने आई है। झारखंड सरकार अब मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों को काम के समय मौत पर उनके आश्रितों को 2 लाख रुपए देगी। झारखंड सरकार द्वारा लाई गई इस स्कीम के तहत कार्यरत मजदूर हादसे में मृत्यु अथवा अप्राकृतिक प्रदेश के निर्धनतम परिवार के लोग हैं। मृत्यु (हत्या समेत) होने या स्थायी ऐसे किसी मजदूर की प्राकृतिक रूप से विकलांग होने पर सरकार अप्राकृतिक वजहों से मृत्यु हो जाने पर दो लाख देगी। वही यह प्रस्ताव ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार किया गया है। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद यह लागू होगा। पहले इस प्रकार सरकार 75 हजार रूपये देती थी। मनरेगा एक मांग आधारित केन्द्रीय प्रायोजित योजना है। इसका लक्ष्य ऐसे हर ग्रामीण परिवार जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करना चाहते है, उनको एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीयुक्त रोजगार उपलब्ध कराना है। इस स्कीम के तहत कार्यरत मजदूर प्रदेश के निर्धनतम परिवार के लोग हैं। ऐसे किसी मजदूर की प्राकृतिक अथवा अप्राकृतिक वजहों से मृत्यु हो जाने पर परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल दयनीय हो जाती है। इसी कारण ग्रामीण विकास विभाग ने 2011 में लागू किए गए प्रावधान में संशोधन को अपना प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में मनरेगा मजदूरों के मृत्यु अथवा दुर्घटना की स्थिति में अनुग्रह अनुदान का प्रावधान है। वही प्रावधान के तहत यह भी रखा गया है कि यदि दुर्घटना के चलते कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो उसे 1 लाख रुपए दिया जाएगा। झारखंड में मनरेगा स्कीम के तहत औसतन 4 लाख श्रमिक काम करते हैं। इस प्रावधान से स्कीम में काम करने वालों को एक मानसिक सुरक्षा का भाव प्राप्त होगा। मंकीपॉक्स को लेकर सरकार ने जारी किया अलर्ट, जानिए नई गाइडलाइंस MP के लोगों को अभी नहीं मिलेगी बारिश से राहत, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट इतिहास में पहली बार BJYM ने 'कारगिल' में निकाली बाइक रैली, युद्ध के बलिदानियों को करेंगे नमन