पिछले दिनों जहां IIT कानपुर ने अपने यहां अध्ययनरत छात्रों को धर्म के प्रति जागरूक और बढ़ावा देने के लिए गीता और रामायण जैसे पवित्र हिन्दू धर्म ग्रंथो की शिक्षा देने की बात कही थी. जिसे संस्थान ने प्रारम्भ भी कर दिया है. वहीं, अब सरकार ने इसी तरह का एक और आदेश जारी किया है. जारी आदेश के मुताबिक, अब देश के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र भी नई-नई तकनीक सीखने के साथ पवित्र धर्म ग्रंथों की शिक्षा भी प्राप्त करेंगे. एआईसीटीई की ओर से जारी किए गए नए पाठ्यक्रम के अनुसार अब उम्मीदवारों को वेद, पुराण, शास्त्र आदि का भी अध्ययन करवाए जाएगा. आपको बता दे कि, ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) दवा यह आदेश जरी किया गया हैं. जिसमे सभी छात्रों को इस नियम का पालन करना होगा. और अनिवार्य रूप से छात्रों को पुराणों, वेदों की जानकारी भी लेनी होगी. इसी के साथ खबर यह भी है कि, छात्रों को वेद-पुराण की शिक्षा के साथ-साथ संविधान और पर्यावरण विज्ञान के बारे में भी जानकारी दी जा सकती है. खबरों की माने तो यह सारे नियम इसी सत्र से लागू कर दिए जायेंगे. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया है कि, पाठ्यक्रम को नए सिरे से तैयार किया गया है, क्योंकि अपडेटेड सेलेबस छात्रों का आधिकार है. भारतीय परंपराओं के ज्ञान वाले इन कोर्स में भारतीय दार्शनिक, भाषा, योग और कलात्मक परंपराओं पर ध्यान दिया जाएगा. इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य थोट प्रोसेस, तर्क और इनफ्रेंसिंग के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में बताना है. केंद्रीय म्नत्रे ेने आगे कहा कि, इस तरह के प्रयोग से इंजीनियरिंग छात्रों को समाज और इंडस्ट्री की जरूरत से कनेक्ट होने में मदद मिलेगी. 30 साल बाद अब ऐसे दिखते है रामायण के सभी पात्र रामायण के समय के ये महत्वपूर्ण पात्र आज भी पृथ्वी पर मौजूद है आप भी जान लीजिए रामायण ही नहीं महाभारत में भी थे भगवान हनुमान