कोलकाता: राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हाल ही में ‘आयुष्मान भारत‘ और ‘पीएम-किसान सम्मान निधि' योजनाओं को लेकर केंद्र को पत्र लिखने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला किया है। हमला करते हुए उन्होंने कहा कि मामले का भंडाफोड़ हो चुका है। जी दरअसल ममता ने केंद्र को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि अगर राज्य सरकार के माध्यम से धनराशि का भुगतान किया जाता है तो वह आयुष्मान भारत और पीएम-किसान योजनाओं को राज्य में लागू करने को तैयार हैं। जी दरअसल मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखे गए दो पत्र बीते मंगलवार को सार्वजनिक हो गए। वहीं उसके बाद राज्यपाल ने राजभवन में संवाददाताओं से कहा कि 'लाभार्थियों को पैसा सीधा पहुंचने की जगह यह मांग क्यों उठाई जा रही है।' जी दरअसल इस दौरान उन्होंने ममता के पत्र के बारे में भी बात की. बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'इससे ‘मामले का भंडाफोड़ हो गया है’ और मुख्यमंत्री का प्रस्ताव ‘वास्तविक लाभार्थियों से इतर तत्वों’ को लाभ पहुंचाएगा।' इसके अलावा इस दौरान उन्होंने यह भी पूछा कि, 'क्या यह प्रस्ताव वास्तविक लाभार्थियों की जगह भ्रष्ट लोगों की मदद करने के लिए है।' वहीं राज्यपाल ने यह भी सवाल किया कि, 'आखिर इतने दिनों बाद इस योजना को लागू करने का ख्याल क्यों आया? बंगाल में 70 लाख किसान हैं।' आगे उन्होंने कहा कि 'देशभर के प्रत्येक किसानों को अब तक 6 किस्त में 12,000 रुपये की राशि मिल चुकी है लेकिन सिर्फ बंगाल के किसान इससे वंचित हैं।' वहीं इस दौरान राज्यपाल ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और एम्फन राहत वितरण में गड़बड़ी का भी उल्लेख किया। क्या है मामला- जी दरअसल ममता ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को 9 सितंबर को ही अलग-अलग पत्र लिखकर मांग की है कि यदि कोष का इस्तेमाल राज्य सरकार के माध्यम से किया जाता है तो बंगाल में पीएम-किसान और आयुष्मान भारत योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। वहीं अब उनके उसी पत्र को सार्वजनिक किया जा चुका है। एकता कपूर ने जोश के साथ एक बार फिर शुरू किया काम! शंकरसिंह वाघेला ने किसानों से किया यह वादा 2 घंटे के महा एपिसोड से नागिन 5 का और भी बढ़ेगा रोमांच