नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसान संगठन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार बार-बार बातचीत के जरिए हल निकालने के लिए कह रही है। इस बीच सरकार ने किसान संगठनों को 30 दिसंबर को एक बार फिर से वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। सरकार की तरफ से किसान संगठनों को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि आपके (किसान) द्वारा अवगत कराया गया है कि किसान संगठन खुले मन से बातचीत करने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं और रहेंगे। भारत सरकार भी साफ नीयत तथा खुले मन से प्रासंगिक मुद्दों के तर्कपूर्ण निराकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है। पत्र में आगे कहा गया है कि, ''आपसे अनुरोध है कि 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्तरीय समिति के साथ समाधान हेतु इस बैठक में हिस्सा लेने का कष्ट करें।' सरकार ने यह पत्र 40 किसान संगठनों के नेताओं को लिखा है। बता दें कि इससे पहले किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को यानि कि आज बातचीत का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। किसान संगठनों द्वारा लिए गए इस पत्र में कहा गया कि बातचीत चार एजेंडों पर आधारित होगी। इसमें सबसे पहला मुद्दा कृषि कानूनों को वापस लेने का रखा गया। साथ ही किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने की रूपरेखा का ऐलान भी किया था। #FarmLaws: Central Government calls farmers for meeting on 30th December, 2pm at Vigyan Bhawan in Delhi pic.twitter.com/VqFxj9thZF — ANI (@ANI) December 28, 2020 73.44 प्रति डॉलर पर खुला भारतीय रुपया बाजार में लगातार पांचवें दिन बरकरार रही बहार, निफ़्टी में आई 79 अंक की बढ़त देश भर में खुदरा बिक्री में 13 प्रतिशत की आई गिरावट