यातायात नियमों का पालन ना करने की वजह से हर साल कई सड़क हादसे होते हैँ, जिसमें लोग अपनी जान गवा बैठते हैं। पिछले कुछ वर्षों से ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एग्रीगेटर्स की भूमिका बढ़ती नजर आ रही हैं। विशेष कर टैक्सी सेवा ओला, उबर जैसी कंपनियों ने जन्म लिया है, लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट में इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। लेकिन अब सरकार इन कंपनियों को भी मोटर व्ही्कल एक्ट में शामिल कर रही है। सरकार के इस नए नियम के अनुसार इन कंपनियों पर 25 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूर किए नए मोटर व्हीकल एक्ट में इस तरह के नए प्रोविजन किए गए हैं। इसके अलावा सड़क पर यदि इमरजेंसी व्हीकल जैसे एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया तो आपको 10 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। साथ ही इस नए एक्ट के तहत ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर भी जुर्माने देना होगा। मोदी सरकार ने सड़क दुर्घटना या यातायात नियमों का पालन ना करने पर नाबालिगों की सजा उनके माता-पिता को दिया जाएगा। नए एक्ट में अभिभावक या वाहन के मालिक को अपराधी माना जाएगा साथ ही उनसे 25 हजार रुपए जुर्माने और 3 साल की कैद की सजा भी दी जा सकती है। और तो और वाहन का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल किया जा सकता है। इसके अलावा पैसेजेंर की ओवरलोडिंग पर भी 1000 रुपए प्रति पैसेजेंर जुर्माना लगाया जाएगा। मर्सिडीज ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री को BS-III बैन से सबक सीखना जरुरी हैं ये है रेनॉ की छोटी और शानदार कार, जानिए इसकी खासियत BS-3 वाहनों पर बैन होने से ऑटो कंपनियों को हुआ 3,000 करोड़ का नुकसान