सरकार ने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की सहयता से खरीददारी करने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं को कर मुनाफा देने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर रही है। साथ ही पेट्रोल, गैस और रेल टिकटों की क्रेडिट या डेबिट कार्ड से खरीदी पर लगने वाला लेनदेन शुल्क ख़त्म करने का प्रस्ताव है। नकदी रहित अर्थव्यवस्था की तरह बढ़ने एवं कर चोरी घटाने के लिए जारी एक परिपत्र के मसौदे में सरकार ने एक लाख रुपये से अधिक मूल्य के सौदों का इलेक्ट्रानिक माध्यम से निपटान अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव किया है। दुकानदारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने उन्हें कर छूट का प्रस्ताव किया है, बशर्ते वे अपनी बिक्री का अच्छा खासा मूल्य डेबिट या क्रेडिट कार्ड से स्वीकार करें। इन प्रस्तावों का उद्देश्य लोगों के लेनदेन का रिकार्ड तैयार करना है ताकि उनकी ऋण सुविधा बढायी जा सके। इसके अलावा, इसका उद्देश्य लोगों को बैंकिंग दायरे में लाना, कर चोरी एवं नकली नोटों पर अंकुश लगाना है। सरकार ने 29 जून तक प्रस्तावों के मसौदे पर टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। इसमें कहा गया है, उपभोक्ताओं द्वारा अपने खर्च के एक निश्चित हिस्से का इलेक्ट्रानिक माध्यम से भुगतान करने पर उसे आयकर में छूट के रूप में कर लाभ देने पर विचार किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि ऊंचे मूल्य के सभी सौदों, मसलन एक लाख रुपये से अधिक मूल्य के सौदों, का केवल इलेक्ट्रानिक माध्यम से भुगतान किया जाएगा। परिपत्र में कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक भुगतान स्वीकार करने वाले दुकानदारों को कर लाभ उपलब्ध कराया जा सकता है। परिपत्र में कहा गया है, यदि एक दुकानदार अपनी कम से कम 50 प्रतिशत बिक्री इलेक्ट्रानिक माध्यमों से करता है तो उसे उचित कर छूट उपलब्ध कराया जा सकता है। दुकानदार द्वारा इलेक्ट्रानिक माध्यम से सभी लेनदेन पर वैट में एक-दो प्रतिशत कटौती का लाभ दिया जा सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा था कि सरकार जल्द ही ऐसे उपाय करेगी जिसमें क्रेडिट या डेबिट कार्ड से लेनदेन को प्रोत्साहन दिया जाएगा। मसौदे में विभिन्न इकाइयों द्वारा इलेक्ट्रानिक लेनदेन पर लगाए जाने वाले अलग-अलग किस्म के शुल्कों को हटाने और इस तरह के भुगतान के लिए प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का पक्ष लिया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं अन्य संगठन जनोपयोगी सेवा प्रदाताओं, पेट्रोल पंपों, गैस एजेंसियों एवं रेल टिकटों के मामले में इलेक्ट्रानिक लेनदेन के लिए सुविधा शुल्क एवं अन्य शुल्क वसूलते हैं। परिपत्र में इस तरह के शुल्क समाप्त करने की समीक्षा किए जाने की संभावना जताई गई है। दूसरी ओर, जनोपयोगी सेवाएं देने वाली एजेंसियों को सलाह दी जा सकती है कि वे ई-भुगतान करने वाले उपयोक्ताओं को छूट दें। ई-लेनदेन को व्यापक स्तर पर अपनाए जाने को बढ़ावा देने के लिए परिपत्र में मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया गया है। वर्तमान में 2,000 रुपये तक के डेबिट कार्ड लेनदेन पर 0.75 प्रतिशत और इससे अधिक मूल्य के सौदों पर एक प्रतिशत की दर से एमडीआर लगाया जाता है। इसके अलावा, बैंकों द्वारा व्यक्तियों द्वारा क्रेडिट कार्ड से किए गए लेनदेन की रिपोर्टिंग के नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया गया है। वर्तमान में देश में करीब 56.4 करोड़ डेबिट कार्ड और 11.25 लाख बिक्री केंद्र टर्मिनल हैं।