जयपुर: वस्तु एवं सेवा कर की चोरी (GST Theft) को लेकर सरकार की सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में वित्त वर्ष 2020-21 में 35,000 करोड़ रुपये की GST चोरी के 8,000 मामलों का पर्दाफाश किया गया है. बीते वित्त वर्ष के दौरान GST चोरी में CA, वकील जैसे 14 पेशेवर सहित 426 लोगों को अरेस्ट किया गया. CGST जोन और GST इंटेलीजेंस डायरेक्टरेट की कोशिशों से इस चोरी को पकड़ने में कामयाबी मिली है. GST की चोरी मुख्य रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रावधानों के गलत इस्तेमाल के तहत की जा रही थी. टैक्स इंटेलीजेंस एजेंसियों की सर्तकता का प्रभाव राजस्व वसूली पर भी नज़र आ रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष में जून महीने को छोड़कर हर महीने GST वसूली 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रही है. राजस्थान समेत ज्यादातर राज्यों में GST चोरी और ITC में हेरफेर से राजस्व को चूना लगाने के खेल पर अब पूरी तरह लगाम लगाने की तैयारी है. राज्य में 100 फर्जी कंपनियों का गठन कर 1150 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी करने के मास्टरमाइंड प्रवीण जागिड़ समेत चार लोगों को अरेस्ट कर CGST ने टैक्स चोरों को कड़ा सन्देश दिया है. अब इस मामले में फर्जी बिल लेने वाले कारोबारियों तक पहुंचने की भी तैयारी की जा रही है. आरोपियों ने किन लोगों को फर्जी बिल जारी किए थे, उसकी फेहरिस्त बनाकर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए अलग से टीम का गठन कर छापेमारी करने की योजना बनाई जा रही है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तरलता को बढ़ावा देने के लिए इतिहास में सबसे बड़े एसडीआर आवंटन को दी मंजूरी अध्ययन में हुआ खुलासा, वयस्कों में तेजी से घट रहा है कोरोना के संक्रमण का खतरा फैंस के लिए बड़ी खबर: 'आरआरआर' की टीम ने पूरी की अपनी शूटिंग