भारत सरकार ने देश में बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य अपने तेल आयात बिल को कम करना और वाहन चलाने की लागत को किफायती बनाने के साथ ही पर्यावरण प्रदूषण को कम करना भी है। क्या कहते है अधिकारी- आपको बता दे बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग मंडल CII के सालाना सत्र 2017 को संबोधित करते हुए इस बात की जानकारी दी। गोयल ने कहा, 'हम बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने जा रहे हैं। हमारा मानना है कि है कि 2030 तक देश में एक भी पेट्रोल या डीजल कार नहीं बिकनी चाहिए।' गोयल के मुताबित शुरू में सरकार दो-तीन साल इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की मदद कर सकती है ताकि यह स्थिर हो सके। उन्होंनों मारुति का उदाहरण देते हुए कहा कि सरकार ने देश की इस सबसे बड़ी कार कंपनी की शुरू में मदद की जिससे अंतत: देश में विशाल ऑटोमोटिव उद्योग की नींव पड़ी। जानकारी के लिए बता दे कि मारुति ने इस साल 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी हासिल की है। गोयल ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय व नीति आयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए एक नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलाने में कम से कम खर्च हो और वह सस्ते हों, तभी लोग इन्हें खरीदेंगे। इसके अलावा इन वाहनों से बढ़ते प्रदुषण को भी रोका जा सकेगा। वर्ष 2017 में टीवीएस की बिक्री में हुई 558 करोड़ रुपए वृध्दि ऑडी की ये शानदार कार जानिये कब होगी लॉन्च TVS की नई बाइक स्टार सिटी प्लस की जाने खूबियां 2018 तक कोशिश हैं कि भारत में सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें ही दौड़े- भारत सरकार