नई दिल्लीः भारत सरकार असम में एनआरसी के तर्ज पर पूरे देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू करेगी। सरकार ने 2020 तक देश के सभी नागरिकों के ब्योरे वाला राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) तैयार करने का निर्णय लिया है। एनपीआर का उद्देश्य देश में रह रहे हर नागरिक का ब्योरा तैयार करना है। इसके अंतर्गत हर उस शख्स को शामिल किया जाएगा जो बीते छह महीने से किसी लोकल जगह पर रह रहा है अथवा वह शख्स जो उस इलाके में आने वाले छह महीने या उससे अधिक के लिए बसना चाहता है। इसमें प्रत्येक नागरिक का डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक ब्योरा शामिल किया जाएगा। इसे एक बार पूरे रूप से प्रकाशित करने के बाद सरकार भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) तैयार कराएगी। नागरिक पंजीकरण एवं जनगणना आयुक्त के रजिस्ट्रार जनरल विवेक जोशी ने कहा कि एनपीआर के लिए 1 अप्रैल 2020 से जनगणना का काम शुरू होगा। टीमें असम को छोड़कर देशभर में घर-घर जाकर लोगाें का डाटा इकट्ठा करेंगी। उन्होंने कहा कि यह काम लोकल रजिस्ट्रार की देखरेख में 30 सितंबर 2020 तक पूरा करने का टारगेट है। भारत में बसे हर शख्स के लिए एनपीआर में अपना नाम दर्ज कराना जरूरी होगा। 17वीं लोकसभा की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में भी इसका जिक्र किया था। सरकार के इस कदम का अन्य विपक्षी दलों ने शुरू से ही विरोध कर रखा है। गौरतलब है कि असम में बीते साल 30 जुलाई को जब एनआरसी को प्रकाशित किया गया तो 40.7 लाख लोगों का नाम काटे जाने पर बड़ा हंगामा हुआ था। पूरी प्रकिया में कई तरह की खामियां नजर आती रही हैं। अब गिर सकती है कमलनाथ सरकार, IT की जांच में फंसे MP के 30 विधायक ! कमलनाथ सरकार का बड़ा ऐलान, इस नंबर पर दें मिलावटखोरी की सूचना और पाएं इनाम मध्य प्रदेश: मिलावटखोरी के आरोप में एक कारोबारी गिरफ्तार, रासुका के तहत होगी कार्रवाई