नीमच। जिले के सुप्रसिद्ध आरोग्‍य धाम मालवा की वैष्‍णोदवी महामाया माँ-भादवामाता में अब भव्‍य मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर का निर्माण दानदाताओं द्वारा करवाया जा रहा है। बुधवार को भादवामाता मंदिर संस्‍थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मास्‍टर प्‍लान के अन्‍तर्गत स्‍वीकृत प्रथम चरण के 26 करोड की लागत के निर्माण कार्यो का नीमच विधायक दिलीपसिंह परिहार, जिला पंचायत अध्‍यक्ष सज्‍जनसिंह चौहान, जनपद अध्‍यक्ष शारदा धनगर, कलेक्‍टर मयंक अग्रवाल, एडीएम नेहा मीना, सीएसपी एस.एस. कनेश, समाजसेवी आरूल-अशोक अरोरा गंगानगर वाले व समिति सदस्‍यों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा-अर्चना कर 26 करोड के मंदिर एवं विभिन्‍न विकास कार्यो का भूमिपजून कर, निर्माण कार्य की आधार शिला रखी। पण्डित विक्रम शर्मा ने विधि-विधान से वैदिक मत्रौंचार के साथ भव्‍य मंदिर निर्माण कार्य का भूमिपूजन सम्‍पन्‍न करवाया। अतिथियों ने भादवामाता के दर्शन कर, पूजा-अर्चना की और आरती में भाग लिया। मास्‍टर प्‍लान के तहत आगामी दो वर्ष में भादवामाता में मंदिर परिसर, शिखर, हवनकुण्‍ड, शिव मंदिर बगीचा और स्‍वागत द्वार सहित विभिन्न निर्माण कार्य पूरे किए जायेगें। मंदिर समिति द्वारा भादवामाता मंदिर को भव्‍य नवीन स्‍वरूप प्रदान करने के लिए मंदिर के समीप बनी हुई, पुरानी विभिन्न समाजों की धर्म शालाओं को समाज की सहमति से हटाया गया है। सभी धर्मशालाओं को रैन बसेरा के पास जगह प्रदान की गई है।नये मास्‍टर प्‍लान के तहत मंदिर के आस-पास का क्षैत्र पूरी तरह खुला रहेगा और मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की व्‍यवसायिक गतिविधियां संचालित नही होगी।मास्‍टर प्‍लान के क्रियान्‍वयन से भादवा माता अपने वाले श्रद्धालुओं को कई तरह की सुविधाएं उपलब्‍ध हो सकेगी। इस मौके पर एसडीएम डॉ. ममता खेडे, जिला जनसम्‍पर्क अधिकारी जगदीश मालवीय, तहसीलदार अजय हिगें, टी.आई. करणीसिंह शक्‍तावत, यातायात प्रभारी मोहन भर्रावत, डॉ.राजेश पाटीदार, अर्जुन सिंह सिसौदिया, सत्‍यनारायण गोयल, स्‍थानीय सरपंच व जन-प्रतिनिधिगण, मंदिर समिति के सदस्‍य, दानदाता, समाजसेवी, पत्रकारगण, मीडिया के बंधु व अधिकारी-कर्मचारी, गणमान्‍य नागरिक एवं बडी संख्‍या में श्रद्धालु उपस्थित थे। बस और बाइक में जोरदार टक्कर:बाइक सवार गंम्भीर रूप से घायल अतिक्रमण मुक्त हुई 6.5 करोड़ रुपए की 70 बीघा जमीन मंत्री उषा ठाकुर ने सातवें जल महोत्सव का शुभारंभ किया, श्रीकृष्ण लीला पर आधारित सांस्कृतिक आयोजन हुए