सीहोर: मध्य प्रदेश के सीहोर में शनिवार को भव्य कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। सीवन नदी के तट से आरम्भ होने वाली इस कावड़ यात्रा को लेकर शुक्रवार देर शाम से ही शहर में भक्त दिखाई देने लगे थे। प्रातः होते-होते हजारों के आंकड़े में भक्त पहुंचने से पूरा सीवन तट केसरिया रंग में रंगे कावड़ियों से पट गया। प्रातः 9 बजे आरम्भ हुई कावड़ यात्रा 11 किमी का सफर कर कुबेरेश्वर धाम पहुंचेगी। महादेव को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त कई प्रकार के उपाय करते हैं, जिनमें से एक कांवड़ यात्रा भी सम्मिलित है। शनिवार को शहर के सीवन तट से लगभाग 11 किलोमीटर तक यह कांवड यात्रा क्षेत्र वासियों ने लिए संजीवनी से कम नहीं है। यात्रा में सम्मिलित होने के लिए कांवड यात्री शहर में आकर आस्था एवं उत्साह के साथ कुबेरेश्वरधाम पर पहुंच रहे हैं। इस के चलते शहर समेत आस-पास के शहरवासी, ग्रामीणों एवं सामाजिक संगठनों के अतिरिक्त जनप्रतिनिधियों के द्वारा 200 से ज्यादा स्थानों पर स्वागत और पेयजल सहित अन्य की व्यवस्था की गई, वहीं लगभग 450 किलोमीटर दूर अमरावती से पांच से ज्यादा कांवड यात्री पैदल चलते हुए सीहोर पहुंच रहे है। कांवड़ यात्रा सुबह 9 बजे सीवन नदी तट से प्रारंभ हुई, जो शहर के जगदीश मंदिर, कोतवाली चौराहा, मेन रोड, इंदौर नाके और सोया चौपाल होते हुए कुबेरेश्वर धाम तक पहुंचेगी। यात्रा में दो दर्जन से अधिक डीजे और बैंड पार्टियों के साथ आकर्षक झांकियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, डमरू दल शिवभक्ति में लीन होकर झूमते-नाचते हुए चल रहा है। इस अवसर पर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने सभी शिवभक्तों के लिए संदेश दिया कि विठलेश सेवा समिति और क्षेत्रवासियों ने कांवड़ यात्रा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न समाजों ने बैठकों के माध्यम से यात्रा में शामिल भक्तों के लिए पोहा, नाश्ता, पेयजल और भोजन की निशुल्क व्यवस्था की है। साथ ही, शहर के कई शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में हजारों भक्तों के ठहरने के इंतजाम प्रशासन द्वारा किए गए हैं। मेघालय के पूर्व सीएम साल्सेंग सी मारक का 83 वर्ष की आयु में निधन फिर गंगा नदी में समाया बिहार के निर्माणाधीन फोर लेन पुल का एक हिस्सा क्या इसी तरह हो रहे ट्रेन हादसे ? ट्रैक पर पड़ा था लोहे का भारी सामान, साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतरे, IB कर रही जांच