रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रभु श्रीराम के ननिहाल यानी कौशल्या मंदिर फिर राजनीति के केंद्र में है। पहले संघ प्रमुख को कांग्रेस ने कौशल्या माता मंदिर दर्शन को बुलाया। RSS प्रमुख मोहन भागवत दर्शन करने मंदिर भी पहुंचे। अब नया विवाद इस क्षेत्र में कब्रिस्तान बनाने को लेकर आरम्भ हुआ है। ईसाई समाज के कब्रिस्‍तान को जगह देने को लेकर बीजेपी ने भूपेश सरकार पर निशाना साधा। अपने ट्विटर पर डॉ. रमन ने लिखा- विश्व का एकमात्र माता कौशल्या का मंदिर चंदखुरी में है, किन्तु भूपेश बघेल ऐसी पुण्य भूमि में उस विशेष समुदाय के लिए 5 एकड़ का कब्रिस्तान बनवाना चाहते हैं जो वहां निवासरत ही नहीं है। आखिर तुष्टिकरण की सियासत में बहुसंख्यकों का अपमान करके कांग्रेस कौन सा लक्ष्य साधना चाहती है? पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वीडियो संदेश भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पूरे क्षेत्र में ईसाई ही नहीं है। कब्रिस्तान के लिए प्रक्रिया इतनी तेज चल रही है। सीएम ने विधायक के पत्र को जिलाधिकारी को भेजा। जिलाधिकारी ने एक हफ्ते के भीतर तहसीलदार को और तहसीलदार ने रिपोर्ट भेज दी। सवाल यह उठता है कि गति इतनी बढ़ा क्यों रहे हो। चंदखुरी में कौन से कब्रिस्तान की आवश्यकता पड़ गई। क्या गांव के लोगों ने मांग कर लिया। क्या ग्रामसभा में इसका अनुमोदन हो चुका है? क्या इसके लिए पंचायत में प्रस्ताव पास कर लिया है। डॉ. रमन ने कहा कि सरपंच-पंच समेत पूरे गांव वालों के विरोध के बाद भी सरकार इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है। यह चंदखुरी की पहचान को धूमिल करने का षड्यंत्र तो नहीं है। उन्होंने कहा कि यह संदेवनशील मामला है। ग्रामसभा में प्रस्ताव एवं अनुमोदन होना चाहिए। तत्पश्चात, आगे की प्रक्रिया की जानी चाहिए। गांव वाले ही विरोध कर रहे हैं तो वहां कैसे कब्रिस्तान के लिए जमीन दी जा सकती है। गांव के लोगों के विरोध को समर्थन देने पर डॉ. रमन ने कहा कि आरंग विधानसभा क्षेत्र का गांव है। उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से बात करके उनकी सोच के अनुसार काम करेंगे। दिवाली पर लोगों का दिल जीतने आ रहा है ये शानदार स्मार्टफोन इस राज्य में जमकर बरसेंगे बदरा, IMD ने दी चेतावनी कट्टरपंथी संगठन PFI के समर्थन में 'कांग्रेस' ने रोक दी अपनी भारत जोड़ो यात्रा ?