अच्छी खबर! भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को हंगरी से मिला GMP प्रमाण पत्र

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को हंगरी से GMP सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को प्राप्त होने वाला प्रथम EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है। कोवैक्सिन को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी एंड न्यूट्रीशन हंगरी ने ये प्रमाण पत्र जारी किया है। GMP प्रमाण पत्र अब EudraGMDP डेटाबेस में है। EudraGMDP डाटाबेस यूरोपीय देशों के मैन्युफैक्चरिंग ऑथराइजेशन का एक समूह है।

भारत बायोटेक कोवैक्सीन को लेकर विश्व भर के कई देशों में इमरजेंसी उपयोग की अनुमति के लिए दस्तावेज जमा कर सकती है। Covaxin भारत में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान में उपयोग की जाने वाली मेड इन इंडिया वैक्सीन है। वैक्सीन फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत तक की सुरक्षा देती है।

साथ ही भारत बायोटेक ने 3 जुलाई को तीसरे ट्रायल के कोवैक्सीन की प्रभावी होने के आंकड़े पेश किए थे। भारत बायोटेक ने बताया था कि वैक्सीन, सिम्प्टोमैटिक कोरोना के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावशीलता तथा बी।1.617.2 डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत असरदायी सिद्ध हुई है। हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन में भी दावा किया गया था कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन, कोवैक्सीन (BBV152) कोरोना संक्रमण के डेल्टा प्लस (AY.1) वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। अध्ययन में बताया गया था कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है।

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