ग्रीन कॉफ़ी से हो सकता है कोलोस्ट्रोल बढ़ने का खतरा

वेट लॉस के बाजार में ग्रीन कॉफी का नाम ज्यादा पुराना नहीं है. आज वेट लॉस के बाजार में ग्रीन कॉफी बीन्स को एक चमत्कार की तरह पेश किया जा रहा है.ग्रीन कॉफी बीन दरअसल कॉफी बीन्स ही होते हैं मगर बिना रोस्ट किये हुए. बीन्स को रोस्ट करने से एक खास कैमिकल कम हो जाता है, जिसे क्लोरोजेनिक एसिड  कहते हैं. इसलिए ग्रीन कॉफी बीन्स में आम कॉफी के मुकाबले ज्यादा क्लोरोजेनिक एसिड होता है. कहा जाता है कि यह एसिड हेल्थ के लिये काफी अच्छा होता है. लोग ग्रीन कॉफी को मोटापे से लड़ने, डायबटीज, हाई बीपी, अलजाइमर और बैक्टीरियल इंफेक्शन से लड़ने में यूज करते हैं.

ग्रीन कॉफ़ी के साइड इफेक्ट्स 

1- बेचैनी  – ग्रीन कॉफी की वजह से बेचैनी की शिकायत बढ़ जाती है. अगर किसी को पहले से बेचैनी की परेशानी है तो यह उसमें इजाफा कर सकती है.

2-डायरिया  – ग्रीन कॉफी में कॅफीन होता है और अगर कैफीन ज्यादा होने के चलते पेट चल सकता है और अगर आपका पेट पहले से चला हुआ है यह कंडीशन को और खराब कर देता है. अगर आपका पेट कमजोर है तो यह प्रोडक्ट आपके लिए ठीक नहीं है.

3-ग्लूकोमा  – ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन से आंखों के भीतर प्रैशर बढ़ जाता है. कॉफी पीने के महज 30 मिनट बाद ही प्रैशन बढ़ जाता है और यह कम से कम 90 मिनट तक रहता है.

5-हाई कॉलेस्ट्रॉल   – अनफिल्टर्ड कॉफी के कुछ सब्सटांस की वजह से कॉलेस्ट्रॉल के लेवल में दिखाई दी है. यह सब्सटांस ग्रीन कॉफी में हो सकते हैं. हालांकि यह पूरी तरह से क्लीयर नहीं है कि ग्रीन कॉफी से वाकई कॉलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है.

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