नईदिल्ली। हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा के किनारे के क्षेत्र को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को 100 मीटर दूर तक नो डेवलपमेंट जोन घोषित कर दिया। एनजीटी द्वारा कहा गया कि इस क्षेत्र में हरिद्वार से उन्नाव तक गंगा नदी के किनारे 500 मीटर दूर तक कोई भी कचरा नहीं फैंका जा सकता। इस क्षेत्र में या गंगा नदी में कचरा फैलाने पर 500 मीटर दूर तक भी कचरा नहीं फैंका जा सकता है। गौरतलब है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंगा नदी को जीवित नदी का दर्जा दिया था। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने इस निर्णय पर रोक लगा दी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को नर्मदा नदी का दर्जा देने की घोषणा की गई है। मिली जानकारी के अनुसार वे चमड़े का कारखाना जाजमऊ से उन्नाव तक लगाने और इसे शिफ्ट करने की बात कही गई। उनका कहना था कि इस तरह का कार्य करीब 6 सप्ताह में किया जाना चाहिए। एनजीटी द्वारा एक सुपरवाइजर समिति गठित करने के निर्देश दिए। जिसमें कहा गया कि वह समिति यह देखे कि ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। ट्रिब्यूनल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर 543 पन्नों के निर्णय में निर्देश दिया गया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा कहा गया कि गंगा नदी को धर्मग्रंथों में पवित्र नदी का दर्जा दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार यह भी कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति गंगा नदी में प्रदूषण फैलाता है तो फिर उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार सरस्वती को खोजने हेतु काफी प्रयास किए गए। पिटीशन में सवाल किया गया और कहा गया कि बाढ़ में किसी व्यक्ति की मौत हो जाने पर राज्य के प्रमुख सचिव को मुआवजा देने की अपील की जा सकती है। बिना बैटरी के फ़ोन का निर्माण कुछ ऐसे किया लोग हुये हैरान नाइलोन या सिंथेटिक से बने मांझे पर NGT ने लगाया बैन ईडी ने मीसा भारती से लम्बी पूछताछ में किए कई सवाल