कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक अनोखी घटना सामने आ रही है यहाँ एक अनाथ आश्रम में 70 और 75 वर्ष के बुजुर्गों ने शादी रचाई। बुजुर्गों को शादी के पश्चात् बुढ़ापे में सहारा मिल गया है। इस अनोखी शादी की खूब चर्चा हो रही है। शादी के पश्चात् बुजुर्ग बेहद खुश दिखे। उन्होंने कहा कि वे एक-दूसरे का सहारा बनकर रहना चाहते थे, इसी को लेकर शादी कर ली। मिल रही खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित शिरोल तहसील घोसरवाड में जानकी नाम का बुजुर्ग अनाथ आश्रम है। इस आश्रम में 75 वर्षीय बाबूराव पाटिल एवं 70 वर्षीय अनुसया शिंदे बीते 2 वर्षों से रह रहे हैं। कहा जा रहा है कि बाबूराव की पत्नी की मौत हो चुकी है। वहीं अनुसया के पति की भी मौत हो चुकी है। यह दोनों वृद्ध आश्रम में एक दूसरे का सहारा बनकर रह रहे थे। बाबूराव पाटील ने कुछ दिन पहले वृद्ध अनुसया को प्रपोज किया तथा शादी करने की बात कही। उस समय उन्होंने शादी के लिए मना कर दिया। इसके 8 दिन के पश्चात् वह राजी हो गईं। वही जब दोनों बुजुर्गों की यह बात आश्रम के व्यवस्थापक बाबासाहेब पुजारी को पता चली तो उन्होंने कानून की प्रक्रिया के तहत दोनों की जानकी आश्रम में धूमधाम से हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी करवाई। लोगों का कहना है कि बुढ़ापे में एक-दूसरे को सहारा मिल गया है। वहीं शादी के पश्चात दोनों बुजुर्गों ने कहा कि उन्हें इस आयु में साथ मिला है। एक-दूसरे का सहारा बनकर साथ रहना चाहते हैं। इसी को लेकर उन्होंने शादी कर ली है। खाटूश्यामजी के दर्शन कर लौट रहे भक्तों की कार ट्रक में घुसी, 2 सगे भाइयों समेत 4 की मौत इंदौर की पिच पर भड़के ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज, कहा- ये टेस्ट मैच के अनुरूप नहीं.. कैसे होगी अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच ? सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगी फैसला