भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की नज़र में भारत में विकास दर में आई गिरावट का मुख्य कारण 2016 के नवंबर में की गई नोटबंदी है.हालाँकि उन्होंने नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव को समझने के लिए इंतजार करने को कहा . एक अंग्रेजी चैनल से चर्चा में उन्होंने यह बात कही. बता दें कि नोटबंदी के आलोचक रहे रघुराम राजन ने कहा कि इससे डिजिटल भुगतान प्रणाली को कुछ प्रोत्साहन मिलता है. लेकिन यह अन्य पहलुओं की तुलना में छोटा है.नोटबंदी को लेकर अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता. जबतक कि पिछली कर वसूली के आंकड़े नहीं आ जाते.उन्होंने कहा कि इसमें संदेह नहीं है कि विकास दर में गिरावट का कारण इसका नोटबंदी का प्रभाव है.इसका प्रभाव अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर भी था, जिसे तुरंत पकड़ा नहीं जा सका. गौरतलब है कि पूर्व गवर्नर ने कहा कि नोटबंदी को लेकर सरकार को अपने विचार बता दिए थे.मौद्रिक अर्थशास्‍त्री भी यही कहेंगे कि मुद्रा को प्रचलन से बाहर करने से पहले उसकी पर्याप्त छपाई कर लें.आरबीआई को पांचवां स्तंभ बनाने के संदर्भ में राजन ने कहा सरकार किसी निर्णय पर आगे बढ़कर कुछ करना चाहती है,तो करे लेकिन कानूनी और नैतिक तौर पर आप संस्थान को रोक नहीं सकते. दीर्घकालिक अवधि में जीएसटी का काफी सकारात्मक असर होगा. यह भी देखें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मिली 1 लाख करोड़ की बड़ी राहत जानिए, किसने पेश किया था भारत का पहला बजट