नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंगलवार को रिएल एस्टेट सेक्टर के लिए नई टैक्स दरें लागू करने फॉर्मूले पर चर्चा हुई। काउंसिल ने ट्रांजिशन के नियम तय किए हैं। बिल्डर्स को राहत देते हुए दो विकल्प दिए गए हैं। पहला- ऐसे अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट जो 31 मार्च तक पूरे नहीं हो रहे हैं उन पर बिल्डर पुरानी दरों (12%, अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 8%) से जीएसटी चुकाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकते हैं। लेकिन, ग्राहकों को फायदा मिलना चाहिए। घर खरीदना होगा सस्ता, जीएसटी काउंसिल की बैठक में हुआ ऐसा निर्णय ऐसा है टैक्स स्लेब सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दूसरे विकल्प के अनुसार बिल्डर नई दरों (5% और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1%) से जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं। यह विकल्प चुनने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। तय समय सीमा में पहला विकल्प नहीं चुना तो नई दरें ही लागू होंगी। जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में फैसला हुआ था कि अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर जीएसटी 12% की बजाय 5% और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 8% की बजाय 1% लगेगा। डॉलर के मुकाबले रुपये में नजर आई मामूली मजबूती जल्द लागू होगी नई व्यवस्था जानकारी के मुताबिक राजस्व सचिव ने कहा- रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नई टैक्स व्यवस्था को लागू करने के लिए ट्रांजिशन प्लान को मंजूरी दी गई है। बिल्डरों के पास दोनों ही विकल्प मौजूद रहेंगे और इसके लिए उन्हेें वक्त दिया जाएगा। नई टैक्स व्यवस्था को लागू करने के लिए अभी वक्त लग सकता है। यह 15 दिन या महीना भर भी हो सकता है। इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर को नई टैक्स व्यवस्था में आने वाली अड़चनों से निपटने में मदद मिलेगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि 80% मैटेरियल रजिस्टर्ड डीलर से ही लेना होगा। सेंसेक्स में नजर आई 40.21 अंकों की मजबूती तो निफ्टी में भी दिखाई दी बढ़त सोने और चांदी के भावों में फिर नजर आई गिरावट, ऐसे है आज के भाव जीएसटी परिषद की बैठक आज, कई मुद्दों पर होगी चर्चा