कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST Council की 40वीं बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अहम जानकारियां दीं. उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर को लेकर निर्णय करने वाली शीर्ष संस्था GST Council ने कोविड-19 के प्रभावों को लेकर चर्चा की. उन्होने कहा कि जीएसटी संग्रह को प्रभावित करने वाले इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. क्या जीएसटी दरों में नहीं होने वाला बदलाव ? अपने बयान में आगे सीतारमण ने बताया कि छोटी कंपनियों के लिए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज को घटाकर आधा कर दिया है. ऐसी कंपनियों को लेट से जीएसटी फाइल करने पर नौ फीसद की दर से ब्याज देना होगा. छोटी कंपनियों को मई से जुलाई के बीच जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं देना होगा. जीएसटी काउंसिल क्षतिपूर्ति सेस को लेकर जुलाई में चर्चा करेगी. इसके अलावा एक जुलाई, 2020 से 31 सितंबर, 2020 के बीच रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए यह लागू होगा. जानिए कैसे क्रेडिट कार्ड से भुगतान करके बचा सकते है ब्याज इसके अलावा सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक में जुलाई 2017 से जनवरी 2020 की अवधि के GSTR-3B के लिए विलंब शुल्क में कमी की गई है. जिन पर किसी तरह की कर जवाबदेही नहीं है, उन्हें किसी तरह का विलंब शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी. GSTR-3B को लेट से फाइल करने के अधिकतम शुल्क के लिए 500 रुपये की सीमा तय की गई है. वही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अहम जानकारी देते हुए कहा कि जुलाई 2017 से लेकर जनवरी 2020 तक के बहुत सी रिटर्न फाइलिंग लंबित है. ऐसे में जिन लोगों की कोई कर जवाबदेही नहीं है लेकिन जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है, उनसे किसी तरह का विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा. कब रिफंड होंगे कैंसिल फ्लाइट टिकट के पैसे ? SC ने केंद्र को भेजा नोटिस कोरोना से बुरी तरह पीट सकती है GDP, विशेषज्ञों को नजर आ रहा अंदेशा भारतीय शेयर बाजार में भरी गिरावट, 1190 अंक लुढ़का सेंसेक्स