नई दिल्लीः जीएसटी परिषद की एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय एक अगस्त से प्रभावी होगा। परिषद की 36वीं बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में बताया गया है, उसने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत से कम कर पांच प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई। परिषद ने स्थानीय अधिकारियों के जरिये इलेक्ट्रिक बसें भाड़े पर लेने के लिए जीएसटी छूट देने की भी मंजूरी दी। इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वालों का मंच ‘सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क वीकल्स (एसएमईवी) ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच फीसदी किये जाने को अच्छा कदम कहा है और इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है। एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी टैक्स कम करने की मांग की है। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने बताया कि जीएसटी कम होने से बैटरी एवं पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले गाड़ियों के दामों में अंतर कम होगा और लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे। उन्होंने बताया, "बिते कुछ वक्त से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है। जीएसटी में की गई इस कमी को सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है।" उन्होंने बताया कि हम जीएसटी में सात फीसदी की गिरावट का स्वागत करते हैं। इससे बिजली चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का गैप कम होगा। उन्होंने बताया कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर टैक्स में कमी का यह कदम ‘‘राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक महत्वपूर्ण बिंदु है।’’ उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी टैक्स कम किया जाना चाहिए जो इस वक्त 18 फीसदी है। भारी उद्दोग मंत्री ने ई-वाहन से रोजगार में कमी आने की आशंका जताई भारत में इतने लोगों को नौकरी से निकालेगी निसान मोटर किराया बढ़ाए बिना इस तरह कमाई कर रहा भारतीय रेलवे, पियूष गोयल ने किया खुलासा