नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनियों के लिए केंद्र सरकार ने पॉलिसी में परिवर्तन और इंटरमीडियरी जवाबदेही पर नई गाइडलाइन की घोषणा कर दी है। साथ ही सरकार ने ओटीटी प्लेटफॉर्मस के लिए भी नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस सिलसिले में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत भाषा का उपयोग किया जा रहा है। किन्तु अब सरकार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री को सहमति नहीं देगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने देखा है कि व्यक्ति अब हिंसा फैलाने के लिए भी सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया की तीन लेवल पर निगरानी होगी। कंपनियों को चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी, जो शिकायतों का निपटारा करेगा। कंपनियों को महिलाओं के विरुद्ध आपत्तिजनक पोस्ट 36 घंटों के भीतर हटाने होंगे। कंपनियों को नियमों का पालन करने पर प्रत्येक माह सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिसने पूर्व में आपत्तिजनक पोस्ट डाली, उसके बारे में सरकार को बताना पड़ेगा। तीन माहों के भीतर नियमों का पालन करना होगा। वही सरकार का ये फैसला बहुत सराहनीय है इससे कई आपत्तिजनक चीजों पर रोक लगेगी, तथा ये आने वाली पीढ़ी के लिए उचित कदम है। ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में 26 फरवरी को बंद रहेगा भारत राहुल के मत्स्य मंत्रालय वाले बयान पर बोले पीएम मोदी- ''झूठ बोलने में 'कांग्रेस' गोल्ड मैडल विजेता'' पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम करने का नहीं है कोई प्रस्ताव: यूपी सरकार