अहमदाबाद: गुजरात में बनासकांठा जिले के पालनपुर की कोर्ट ने एक सरकारी कर्मचारी को 'तीन तलाक' के जरिए अपनी पत्नी को तलाक देने की कोशिश करने के लिए एक साल जेल की सजा सुनाई है। सरकारी वकील संजय जोशी ने कहा कि गुजरात में ट्रिपल तलाक केस में संभवत: यह पहली दोषसिद्धि है। अतिरिक्त वरिष्ठ दीवानी न्यायाधीश जी एस दारजी की कोर्ट ने उप अभियंता सरफराज खान बिहारी (45) को एक साल जेल की सजा सुनाई और उस पर 5,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया। आरोपी व्यक्ति की पीड़ित पत्नी शहनाज बानू ने सितंबर 2019 में पालनपुर (पश्चिम) थाने पहुंचकर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 और IPC की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी। कोर्ट ने बिहारी को 2019 के अधिनियम के तहत एक साल की जेल, IPC की धारा 498 (A) के तहत एक साल की जेल और धारा 323 के तहत छह माह जेल की सजा सुनाई हैं। ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। उल्लेखनीय कि 2019 का कानून तीन तलाक को अवैध घोषित करता है। साथ ही इसमें पति को तीन वर्ष तक की कैद और जुर्माने का भी प्रावधान है। सरफ़राज़ खान ने जून 2012 में मामले में शिकायतकर्ता से निकाह किया था। उन्हें एक बेटी हुई। वकील गोविंद मकवाना ने कहा कि सरफ़राज़ का सरकार की सिपू पाइपलाइन परियोजना में डिप्टी इंजीनियर के तौर पर तबादला हुआ, जहां उन्हें एक हिंदू सहकर्मी से प्यार हो गया। जब बिहारी के परिवार को इस मामले के संबंध में पता चला, तो शिकायतकर्ता की पत्नी के पिता ने उसके पिता से मुलाकात की और उन्होंने दंपति को पालनपुर शहर में एक अलग किराए के घर में भेजने का निर्णय लिया। मकवाना ने कहा कि जब वे वहां रह रहे थे, तभी आरोपी की मां और बहन उनसे मिलने के लिए आए थे, जहां उनका झगड़ा हो गया। इस दौरान आरोपी ने अपनी पत्नी को पीटा और उसे तलाक देने के लिए तीन बार "तलाक" बोल दिया। 'इसे इतना मारो कि यह मर जाए..' , विवाह समारोह में 24 वर्षीय युवक की मॉब लिंचिंग पति को पहले पिलाई शराब फिर प्रेमी के साथ मिलकर कर दी हत्या, कातिल पत्नी गिरफ्तार 11.53 करोड़ रुपये की हेरोइन के साथ विदेशी नागरिक गिरफ्तार