अहमदबाद: तीस्ता सीतलवाड़ मामले में आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) ना सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय फैसले पर आधारित है, बल्कि सबूतों द्वारा समर्थित है। गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर कहा है कि अब तक की गई जांच में FIR को जायज ठहराने के लिए उस सामग्री को रिकॉर्ड में लाया गया है, जो स्पष्ट करती है कि आवेदक (तीस्ता सीतलवाड़) ने सियासी, आर्थिक और अन्य भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश को अंजाम देकर कई तरह के आपराधिक कृत्य किए थे। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि प्रासंगिक रूप से गवाहों के बयानों ने स्थापित किया कि सीतलवाड़ ने एक सियासी दल (कांग्रेस) के एक वरिष्ठ नेता के साथ मिलकर पूरी साजिश रची। गवाहों के बयान से स्थापित होता है कि साजिश को मौजूदा याचिकाकर्ता यानी तीस्ता ने अन्य आरोपी लोगों के साथ मिलकर एक सियासी दल के वरिष्ठ नेता के इशारे पर साजिश रची थी। बता दें कि तीस्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को दाखिल की गई तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में ‘निर्दोषों’ को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में तीस्ता सीतलवाड़ को जून में अरेस्ट किया गया था। तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ मिलकर सोनिया गांधी के कहने पर गुजरात दंगों की कई झूठी कहानियां गढ़ीं और पैसे लेकर मोदी सरकार के खिलाफ साजिश रचने और दुष्प्रचार करने का काम किया। नहीं मिलेगी जमानत.., माफिया मुख़्तार अंसारी के MLA बेटे अब्बास को हाई कोर्ट से झटका शाहरुख़ ने अंकिता को जिन्दा जला डाला.., सामने आई झारखंड सरकार की बड़ी लापरवाही असम में कितना गहरा घुस चुका है आतंकवाद ! लगातार हो रही धरपकड़, 2 और जिहादी गिरफ्तार