गुजरात सरकार को हाई कोर्ट ने फटकारा, कहा- अस्पतालों में बेड्स की कमी पर इतना हंगामा क्यों ?

अहमदाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की स्थिति पर गुजरात उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने कहा कि हमारी दी गई सलाहों को न मानने का परिणाम है कि कोरोना की सुनामी आ चुकी है। यहां कोर्ट ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली विजय रूपाणी सरकार को जमकर लताड़ लगाई।

अदालत ने पूछा कि क्या गुजरात के हर शहर, तालुका में कोरोना की जांचें की जा रही हैं? अगर आप कहते हैं कि केवल 53 फीसद बेड ही भरे हुए है, तो निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर इतना हंगामा क्यों मचा हुआ है। गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा कि, आणंद व डांग में आरटी पीसीआर जांच का प्रबंध नहीं है। सरकार यदि अपने संसाधनों का पर्याप्त इस्तेमाल करती, तो आज यह स्थिति नहीं होती। राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन किया ही नहीं। 

न्यायालय ने आगे सरकार को लताड़ लगाते हुए कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन कहां से आ रहे कैसे वितरण हो रहा है, इस बारे में कोई जानकारी सरकार को नहीं है। क्या यह इंजेक्शन अमृत बूटी है और इससे कोई साइड इफेक्ट नहीं हो रहे हैं, यदि हां तो सरकार द्वारा एक सार्वजनिक पत्र जारी करते हुए जनता को इस बारे में जागरूक क्यों नहीं किया गया।

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