सूरत: वाट्सएप पर एक फोटो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें नीचे लिखा है कि गुजरात के सूरत शहर में गरीबों को दान में दिए गए एक-एक किलो आटे के पैकेट में 15-15 हजार रुपए भी निकले हैं। सूरत का यह तथाकथित 'अनूठा दान' हाल में चर्चा में है। किन्तु, क्या यह वास्तविकता भी है या फिर महज एक अफवाह? दरअसल, वाट्‍सएप वायरल हो रहे एक मैसेज में लिखा है कि एक शख्स ट्रक लेकर पहुंचा और गरीबों को 1-1 किलो आटा देने की घोषणा। कई गरीब वहां इकठ्ठा हो गए और आटा लेकर चले गए। घर जाकर लोगों ने आटे का पैकेट खोला तो उसमें 15 हजार रुपए भी निकले। दानदाता की जमकर प्रशंसा हो रही है। लेकिन हकीकत क्या ? दरअसल, यह मैसेज पहली ही नजर में फर्जी दिख रहा है। आटे की थैली से निकले नोट साफ-सुथरे दिख रहे हैं। दूसरी बात, यदि स्वयंभू दानदाता 1-1 किलो आटे के पैकेट लेकर पहुंचा तो स्वाभाविक तौर पर उस इलाके में भारी भीड़ जुटनी थी क्योंकि हजारों की संख्या में पैकेट ट्रक में ही आ सकते हैं। ...और लॉकडाउन के समय में भीड़ जुटती तो पुलिस प्रशासन की नज़र उसपर जरूर पड़ती। यही नहीं, अगर तस्वीर में नोटों को पकड़ने का तरीका भी देखें तो दो अलग-अलग हाथ साफ नज़र आ रहे हैं, जबकि दावा आटे में नोट मिलने का किया गया है। दोनों हाथों के रंग में भी समानता नहीं है। नोटों की अगर गणना करें तो भी यह 7 हजार की ही राशि दिखाई दे रही है। जब इस बारे में मीडिया वेबदुनिया ने सूरत के रहने वाले विवेक पालीवाल से बात की, तो उन्होंने बताया कि व्हाट्सअप पर यह सूचना वायरल अवश्य हो रही है। लेकिन, व्हाट्सअप के अलावा किसी दूसरे स्त्रोत से इस प्रकार की जानकारी नहीं मिली है। न तो अब तक किसी दानदाता का नाम सामने आया है न ही किसी एक किलो आटा लेने वाला कोई शख्स मिला है, जिसमें कि 15 हजार रुपए निकले हों। पालीवाल ने बताया कि इस संबंध में सूरत के मीडिया में कोई समाचार देखने एवं पढ़ने को भी नहीं मिली है। अत: कहा जा सकता है कि व्हाट्सअप पर वायरल होने वाला यह सन्देश पूरी तरह भ्रामक और फेक है। अतः इस तरह के भ्रामक संदेशों को आगे फॉरवर्ड करने से बचें और दूसरों से भी कहें. Source:- Webdunia अर्थव्यवस्था को मिली एक और चोट, घरों की बिक्री में आई भारी गिरावट Indigo : कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, नहीं कटेगी अप्रैल माह की सैलरी इस महीने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगी महंगाई भत्ते की नई किस्त