गांधीनगर: 2019 लोकसभा चुनाव में इस बार 17 साल से इन्साफ की आस में भटक रहा एक व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती देने जा रहा है। गुजरात के गुलबर्ग सोसायटी दंगा के पीड़ित फिरोज खान पठान गांधीनगर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। आपको बता दें कि 2002 में गोधरा दंगों के बाद गुलबर्ग सोसायटी में भड़की भीषण हिंसा में 69 लोगों की मौत हो गई थी। असम: बीफ बेचने के आरोप में मुस्लिम शख्स को भीड़ ने घेरा और फिर... उल्लेखनीय है कि गांधीनगर लोकसभा सीट काफी चर्चित सीट मानी जाती है। यहां से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी समेत कई दिग्गज भी चुनाव लड़ चुके हैं। गुलबर्ग सोसाइटी दंगों में फिरोज के परिवार के 10 सदस्य भी मारे गए थे। इस दौरान 28 फरवरी 2002 को हिंसक भीड़ ने कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की हत्या कर दी थी। फिरोज कहते हैं, 'गांधीनगर से चुनाव लड़कर मैं लोगों को यह संदेश देना चाहता हूं कि गुलबर्ग सोसायटी के पीड़ितों को अभी तक इन्साफ नहीं मिला है।' अवध की सीटों पर शाह की नजर, प्रबंधकों को दिया जीत का मंत्र फ़िरोज़ ने कहा है कि, 'काफी लंबा इंतजार हो चुका है।' फिरोज एक साइबर कैफे चलाते हैं और अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ जुहापुरा में रहते हैं। अहमदाबाद के इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में मुस्लिम परिवार रहते हैं। 2014 में फिरोज खान पठान ने मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के विरुद्ध सोसायटी में विकास कार्यों के लिए गलत तरीके से पैसा एकत्रित करने का आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सीतलवाड़ के संगठन सिटिजन फॉर जस्टिस ऐंड पीस ने गुलबर्ग सोसायटी के पीड़ितों को कानूनी लड़ाई में सहायता की थी। खबरें और भी:- अदालत से आज़म खान को बड़ी राहत, शस्त्र लाइसेंस के निलंबन के आदेश का एक हिस्सा हुआ रद्द राजस्थान से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्रियों के लिए सीएम गेहलोत ने कही ऐसी बात मतदान से पहले पुलिस को बड़ी सफलता, पार्टी कार्यालय जा रहे 8 करोड़ नकद पकड़े...