1- तकलीफ खुद ही कम हो गई, जब अपनों से उम्मीद कम हो गई । 2- ये कैसा रिश्ता हुआ इश्क में वफ़ा का भला, तमाम उम्र में दो चार छ गिले भी नहीं। 3- रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो, दिन की चादर अभी उतारी है। 4- जब भी यह दिल उदास उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नही किया लेकिन, क्यों तेरा इंतजार होता है। 5- छोटा सा साया था आँखों में आया था, हमने दो बूंदों से मन भर लिया। 6- ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ, बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं। 7- इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के 8- तुम शोर करते हो, सुर्खियों में आने के लिए, हमारी तो खामोशियां अखबार बनी हुई है। 9- ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा, क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा। 10- आप के बाद हर घड़ी हम ने, आप के साथ ही गुज़ारी है। भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं