वाशिंगटन: अमेरिका में गन कल्चर के चलते मास शूटिंग की घटनाएं बहुत आम बात है, दुनिया के सबसे ताकतवर देश में अंधाधुंध फायरिंग की खबरें लगातार आती रहती हैं. वजह भी साफ है अमेरिका में बंदूक रखना उतना ही आसान है जैसे भारत में लाठी-डंडा रखना. गौरतलब है कि, वैलेंटाइन डे की शाम को अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा में एक स्कूल में गोलीबारी में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे. इस घटना के बाद पूरे देश में शोक मनाया जा रहा था. इस घटना को अमरीकी इतिहास की सबसे घातक गोलीबारी की घटना मान रहे हैं. किन्तु इसके बाद भी अमरीकी प्रशासन इस ओर से निश्चिन्त दिखाई दे रहा है. अमेरिकी संसद के स्पीकर पॉल रेयान अमेरिकी नागरिकों से बंदूक रखने के अधिकार को खत्म किए जाने की बात से इनकार किया है. उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं के बाद भी उन्हें नहीं लगता कि देश में बंदूक रखने को लेकर सख्ती बरती जाए. आपको बता दें कि, संदिग्ध गोली चलाने वाले की पहचान 19 वर्षीय निकोलस क्रूज के तौर पर हुई है, वह पार्कलैंड के मारजोरी स्टोनमैन डगलस हाईस्कूल का पूर्व छात्र है. उसे अनुशासन से संबंधित कारणों के लिए निष्कासित किया गया था. उसे घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. भारत पर भड़के ट्रम्प डोनाल्ड ट्रम्प का दानवीर रूप बड़ा खुलासा :ट्रम्प ने पोर्न अभिनेत्री से बनाए थे सम्बन्ध