आज गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन है. ऐसे में आज माता तारा देवी का पूजन किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माता का मंत्र. मंत्र- नीले कांच की माला से 12 माला प्रतिदिन ‘ ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्‘ मंत्र का जाप करें। शाबर मंत्र- ॐ तारा तारा महातारा, ब्रह्म-विष्णु-महेश उधारा, चौदह भुवन आपद हारा, जहाँ भेजों तहां जाहि, बुद्धि-रिद्धि ल्याव, तीनो लोक उखाल डार-डार, न उखाले तो अक्षोभ्य की आन, सब सौ कोस चहूँ ओर, मेरा शत्रु तेरा बलि, खः फट फुरो मंत्र, इश्वरो वाचा. ऐसा माना जाता है गुप्त नवरात्रों में इस मंत्र का 10,000 बार जाप करके इसको सिद्ध किया जा सकता है। इसी के साथ तारा महाविद्या को खुश करने के लिए तारा कवच भी पढ़ सकते हैं। नीले कांच की माला से 12 माला प्रतिदिन ‘ ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्‘ मंत्र का जाप करें। शाबर मंत्र- ॐ तारा तारा महातारा, ब्रह्म-विष्णु-महेश उधारा, चौदह भुवन आपद हारा, जहाँ भेजों तहां जाहि, बुद्धि-रिद्धि ल्याव, तीनो लोक उखाल डार-डार, न उखाले तो अक्षोभ्य की आन, सब सौ कोस चहूँ ओर, मेरा शत्रु तेरा बलि, खः फट फुरो मंत्र, इश्वरो वाचा. मान्यता है गुप्त नवरात्रों में इस मंत्र का 10,000 बार जाप करके इसको सिद्ध किया जा सकता है। इसके अलावा तारा महाविद्या को खुश करने के लिए तारा कवच भी पढ़ सकते हैं। मां तारा कवच- ॐ कारो मे शिर: पातु ब्रह्मारूपा महेश्वरी । ह्रींकार: पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी ।। स्त्रीन्कार: पातु वदने लज्जारूपा महेश्वरी । हुन्कार: पातु ह्रदये भवानीशक्तिरूपधृक् । फट्कार: पातु सर्वांगे सर्वसिद्धिफलप्रदा । नीला मां पातु देवेशी गंडयुग्मे भयावहा । लम्बोदरी सदा पातु कर्णयुग्मं भयावहा ।। व्याघ्रचर्मावृत्तकटि: पातु देवी शिवप्रिया । पीनोन्नतस्तनी पातु पाशर्वयुग्मे महेश्वरी ।। रक्त वर्तुलनेत्रा च कटिदेशे सदाऽवतु । ललज्जिहव सदा पातु नाभौ मां भुवनेश्वरी ।। करालास्या सदा पातु लिंगे देवी हरप्रिया । पिंगोग्रैकजटा पातु जन्घायां विघ्ननाशिनी ।। खड्गहस्ता महादेवी जानुचक्रे महेश्वरी । नीलवर्णा सदा पातु जानुनी सर्वदा मम ।। नागकुंडलधर्त्री च पातु पादयुगे तत: । नागहारधरा देवी सर्वांग पातु सर्वदा ।। आज है गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन, जानिए माँ तारा की कथा ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर हुआ भयंकर हादसा, लोगों की हुई मौत प्रियंका गांधी ने भाजपा पर लगाए बड़े आरोप, कहा- 'महंगाई से ठप हो गया डबल इंजन'