जो प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ता है,वही उसे गुरु प्रदोष कहते हैं. इसके अलावा इस दिन भगवान शिव का आशीर्वाद आसानी से मिलता है. इसके साथ ही गुरु प्रदोष व्रत करके कोई भी व्यक्ति अपने मन की इच्छा को बहुत जल्द पूरा कर सकता है. इसके साथ ही किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक होती है. वही निसन्तान दंपत्ति गुरु प्रदोष का व्रत करके उत्तम संतान का वरदान पा सकते हैं. गुरु प्रदोष व्रत करके पाएं उत्तम संतान का वरदान - बृहस्पतिवार के दिन सुबह के समय एक पीतल के लोटे में हल्दी गुड़ और चने की दाल डालें. - केले के पेड़ की जड़ में यह अर्पण करें और गाय के घी का दिया जलाएं. - वहीं आसन पर बैठकर बृहस्पति स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. - घर वापस आते समय केले के पेड़ की जड़ से मिट्टी लें. - उस मिट्टी का तिलक भगवान विष्णु का ध्यान करके पति पत्नी दोनों माथे पर लगायें. - भगवान विष्णु से सन्तान प्राप्ति की प्रार्थना अवश्य करें. गुरु प्रदोष का व्रत दिलाएगा चारों दिशाओं से सफलता - गुरु प्रदोष का व्रत करके जीवन की कठिन से कठिन समस्या को सुलझाया जा सकता है. - गुरु प्रदोष के दिन अपने स्नान के जल में केसर या केवड़े का इत्र डालकर स्नान करें. - हल्के पीले या कोई भी शुद्ध वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु को पीले फल फूल अर्पण करें. - पीला कपड़ा /चने की दाल /साबुत हल्दी पीली मिठाई फल रखकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. - पाठ के बाद यह सामग्री किसी जरूरतमंद को दान करें. गुरु प्रदोष पर कैसे खत्म होगी पारिवारिक कलह? - गुरु प्रदोष व्रत के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक कलावे की बाती लगाकर जलायें. - एक दोने में पीली मिठाई और पीला जनेऊ रखें. - ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नमः मन्त्र का 27 बार जाप करें - अपने पारिवारिक कलह क्लेश खत्म करने की प्रार्थना करके मिठाई और जनेऊ पीपल के नीचे रख दें. महाशिवरात्रि 2020: भूलकर भी शिवरात्रि पर शिव और गणेश को न चढ़ाएं यह चीज, हो सकता है अपशगुन हवन या यज्ञ के अग्निकुंड में आहुति देते वक्त इसलिए कहा जाता है स्वाहा भारत में है ऐसा मंदिर जंहा हनुमान जी विराजमान है अपनी पत्नी के साथ, जानिए कहा है वह जगह