आप सभी को बता दें कि कल यानी 3 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत है. जी हाँ, हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है ऐसे में कहते हैं इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, और उनकी कृपा से तमाम मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है. कहते हैं अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है. आप सभी को बता दें कि बृहस्पतिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को "गुरु प्रदोष" कहते हैं और यह पौष मास का गुरु प्रदोष है, अतः इसका महत्व और भी ज्यादा माना जा रहा है. ज्योतिषों के अनुसार इस बार गुरु प्रदोष 03 जनवरी को आ रहा है तो आइए जानते हैं क्या है गुरु प्रदोष व्रत की महिमा? गुरु प्रदोष व्रत की महिमा - ज्योतिषों के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी हो जाती है और इसके अलावा संतान सम्बन्धी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. इसी के साथ कहते हैं गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं , मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है. अब आइए जानते हैं गुरु प्रदोष की व्रत और पूजा विधि क्या है- इसके लिए सुबह स्नान करके श्वेत वस्त्र धारण करें. अब शिव जी को जल और बेल पत्र अर्पित करें और उनको सफ़ेद वस्तु का भोग लगायें. इसके बाद शिव मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें और रात के समय भी शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें. अब रात के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएँ और जलाहार और फलाहार ग्रहण करें. ध्यान रहे कि आज नमक और अनाज का सेवन न करें. नए साल की रात घर में प्रवेश कर सकती है नकारात्मक शक्तियां, ऐसे करें पहचान गणेश गायत्री मंत्र से आप सफल बना सकते हैं अपना जीवन, ऐसे करें जाप आज रात घर के बाहर टांग दें यह चीज़, नए साल में मिल जाएगा सब कुछ