कल यानी 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है जहाँ से श्रावण माह शुरू हो रहा है. इस दिन सभी शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं. इस दिन कुछ खास काम करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है और ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं. इसी के साथ आपको बताने जा रहे हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन आपको क्या खास करना चाहिए और कैसे अपने गुरु को प्रसन्न कर सकते हैं. इस दिन आपको खास रामचरित मानस का पथ करना चाहिए. इसके साथ जान लें कौनसे मंत्र और दोहे का पथ करें. * बंदऊं गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥ अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥1॥ भावार्थ:- मैं गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूं, जो सुरुचि (सुंदर स्वाद), सुगंध तथा अनुराग रूपी रस से पूर्ण है। वह अमर मूल (संजीवनी जड़ी) का सुंदर चूर्ण है, जो सम्पूर्ण भव रोगों के परिवार को नाश करने वाला है॥1॥ * सुकृति संभु तन बिमल बिभूती। मंजुल मंगल मोद प्रसूती॥ जन मन मंजु मुकुर मल हरनी। किएँ तिलक गुन गन बस करनी॥2॥ भावार्थ:- वह रज सुकृति (पुण्यवान्‌ पुरुष) रूपी शिवजी के शरीर पर सुशोभित निर्मल विभूति है और सुंदर कल्याण और आनन्द की जननी है, भक्त के मन रूपी सुंदर दर्पण के मैल को दूर करने वाली और तिलक करने से गुणों के समूह को वश में करने वाली है॥2॥ * श्री गुर पद नख मनि गन जोती। सुमिरत दिब्य दृष्टि हियँ होती॥ दलन मोह तम सो सप्रकासू। बड़े भाग उर आवइ जासू॥3॥ भावार्थ:- श्री गुरु महाराज के चरण-नखों की ज्योति मणियों के प्रकाश के समान है, जिसके स्मरण करते ही हृदय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न हो जाती है। वह प्रकाश अज्ञान रूपी अन्धकार का नाश करने वाला है, वह जिसके हृदय में आ जाता है, उसके बड़े भाग्य हैं॥3॥ * उघरहिं बिमल बिलोचन ही के। मिटहिं दोष दुख भव रजनी के॥ सूझहिं राम चरित मनि मानिक। गुपुत प्रगट जहँ जो जेहि खानिक॥4॥ भावार्थ:- उसके हृदय में आते ही हृदय के निर्मल नेत्र खुल जाते हैं और संसार रूपी रात्रि के दोष-दुःख मिट जाते हैं एवं श्री रामचरित्र रूपी मणि और माणिक्य, गुप्त और प्रकट जहाँ जो जिस खान में है, सब दिखाई पड़ने लगते हैं-॥4॥ * बंदउं गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि। महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥5॥ भावार्थ:- मैं उन गुरु महाराज के चरणकमल की वंदना करता हूं, जो कृपा के समुद्र और नर रूप में श्री हरि ही हैं और जिनके वचन महामोह रूपी घने अंधकार का नाश करने के लिए सूर्य किरणों के समूह हैं॥5॥ गुरु पूर्णिमा पर राशि के अनुसार करें इन मंत्रों का जाप Guru Purnima 2019 : जानिए है गुरु पूर्णिमा का महत्व, कौन थे सबसे पहले गुरु