इस्लामाबाद: इंडिया के भीतरी मुद्दे में हस्तक्षेप करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने एक बार फिर कहा है कि किसी को भी नागरिकता विहीन करने से बचाव के लिए हर संभव उपाय किया जा रहा है. वहीं पाक के दौरे पर आए गुतेरस ने यह बात भारत के सीएए और एनआरसी की बाबत कही है. वहीं उन्होंने यह भी कहा है- भारत के सीएए को लेकर चिंतित हूं: एक अखबार से साक्षात्कार में गुतेरस ने कहा, भारत में नागरिकता को लेकर कानून बदला है. इसे लेकर वह चिंतित हैं. उन्होंने कहा, इस इलाके में संयुक्त राष्ट्र सक्रिय भूमिका निभा रहा है. उसकी इकाई यहां पर कार्यरत है. शरणार्थियों के लिए नियुक्त संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त भी इलाके में काफी सक्रिय हैं. भारत में बने नए कानूनों से लोगों की नागरिकता छिनेगी: वहीं इस बात का अनुमान है कि भारत में बने नए कानूनों से लोगों की नागरिकता छिनेगी और शरणार्थियों की संख्या अभी से कई गुना बढ़ जाएगी . गुतेरस ने कहा, यह स्थिति रोकी जानी चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है कि उसका कोई देश हो. उस देश के नाम पर उसकी पहचान हो. इसलिए किसी की नागरिकता विहीन करने से पहले उसके बचाव के हर संभव उपाय करने चाहिए. भारत में दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून प्रभाव में आ चुका है: वहीं इस बात का पता चला है कि भारत में बीते दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून प्रभाव में आ चुका है. इसके अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीडि़त हो रहे हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. जंहा यह भी कहा गया है कि इसमें भारत में रहने वाले मुस्लिमों की नागरिकता को लेकर कोई बिंदु नहीं है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एनआरसी फिलहाल असम में लागू हुआ है. वहां पर 24 मार्च, 1971 से पूर्व से रह रहे लोगों और उनके परिजनों को भारतीय नागरिक माना गया है जबकि उसके बाद के निवासियों को बांग्लादेशी घुसपैठिया माना गया है. असम में दशकों से पड़ोसी देश बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ बड़ी समस्या बनी हुई है. 53 वर्षीय महिला ने वायलिन बजाते हुए करवाया ऐसा काम, जिसे जान रह जाएंगे हैरान जर्मनी में फिर गोलीबारी, शिकार हुए कई लोग 8 की मौत गर्भावस्था के लक्षण होने पर इन बातो का रखे विशेष ध्यान, दिनचर्या में लाये बदलाव