ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में ईसाई धर्मांतरण के चलते एक बेटा अपनी माँ का ही अंतिम संस्कार नहीं कर सका। दरअसल, सरोज देवी नामक महिला के देहांत के बाद उनके ईसाई बेटे डेविड ने अपनी माँ का हिन्दू रीति-रिवाज़ से अंतिम क्रियाकर्म करने से इनकार कर दिया। माँ सरोज देवी हिन्दू धर्म को मनाने वालीं थीं। अंत में 1100 किमी दूर से आकर नातिन श्वेता सुमन ने अपनी नानी को दाह दिया और सारे क्रियाकर्म संपन्न किए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेटा डेविड चाहता था कि उसकी माँ के पार्थिव शरीर को ईसाई पद्धति के मुताबिक कब्रिस्तान में दफनाया जाए। किन्तु, नातिन श्वेता सुमन ने झारखंड से आकर गुरुवार (जून 3, 2021) को शव को अपनी सुपुर्दगी में लिया और अगले ही दिन लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में हिन्दू विधि के साथ अंतिम क्रियाकर्म संपन्न किया। सिटी सेंटर निवासी डेविड का नाम धर्मान्तरण से पूर्व धर्म प्रताप सिंह हुआ करता था। नातिन श्वेता सुमन ने नानी की मौत और अपने मामा द्वारा ईसाई धर्मांतरण किए जाने के बारे में जाँच कराने के लिए स्थानीय पुलिस अधीक्षक के सामने आवेदन दिया है। शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनके मामा उनकी नानी पर जबरदस्ती ईसाई धर्मांतरण के लिए दबाव डालते थे। बता दें कि सरोज देवी का निधन बुधवार को ही हो गया था, मगर दफनाने की जिद के चलते डेविड ने अंतिम संस्कार नहीं किया। श्वेता का कहना था कि उनकी नानी ने मृत्यु तक किसी अन्य धर्म को स्वीकार नहीं किया और हिन्दू बनी रहीं, इसीलिए सनातन प्रक्रिया से अंतिम संस्कार किए जाएँ। इमामी के उत्पादों में हुई 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कोटक महिंद्रा ने अपने कर्मचारियों के लिए महामारी परोपकारी नीति लागू करने की घोषणा की मुझे उम्मीद है कि गहरे रंग के लोगों को फिल्मों में उनका हक मिलेगा: सेम्मलर अन्नाम