ग्वालियर: कुछ कर गुजरने का जूनून और किसी जरूरतमंद की सहायता करने का बीड़ा अगर इंसान एक बार उठा ले तो परिस्थितयां उसके अनुकूल हो जाती हैं और ऐसा ही कुछ करने का प्रण लिया है ग्वालियर नगर निगम में पदस्थ श्रीकांत कांटे ने। अपने घर में कार्य करने वाली महिला की बेटी की पढ़ाई के लिए किताबों का इंतज़ाम करने के लिए शुरू हुई श्रीकांत कांटे की मुहीम अब एक मुकाम पर पहुंच गई है। उनका संकल्प यह है कि प्रत्येक गरीब को पढ़ाई के लिए किताबें मिल सके, वो भी निःशुल्क और इसी मंशा के साथ श्रीकांत कांटे ने शुरू किया है बुक बैंक। उल्लेखनीय है कि श्रीकांत कांटे यूं तो शासकीय कर्मचारी हैं, किन्तु आज इन्होंने अपना जीवन मानव सेवा में समर्पित कर दिया है। दरअसल, दस वर्ष पूर्व श्रीकांत कांटे के घर में काम करने वाली बाई ने अपनी बेटी की किताबों का इंतज़ाम करवाने के लिए श्रीकांत कांटे से कहा था, क्योंकि किताबें काफी महंगी थीं और उन्हें खरीदना महिला के बस में नहीं था। श्रीकांत कांटे ने जब महिला की बेटी के लिए किताबों का इंतज़ाम किया, तभी उनके मन में ख्याल आया कि ऐसे काफी सारे गरीब बच्चे होते हैं जिनके पास पढ़ाई करने के लिए किताबें नहीं है उन्हें किताबे उपलब्ध कराकर शिक्षित किया जा सकता है। इसके ही शुरू हुआ श्रीकांत कांटे का सफर, जो आज इतना आगे पहुँच चुका है कि आज इनके पास तक़रीबन 5 हजार किताबें हैं जो वो गरीब बच्चों को पढ़ाई ले लिए देते हैं। इनकी बुक बैंक की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे इसके लिए इनके द्वारा हाल ही में एक मोबाइल एप भी शुरू किया गया है। इस एप को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने लॉन्च किया है। इस एप के जरिए लोग ऑन लाइन बुक डोनेट और लेने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने ख़ारिज की वंदे मातरम् को राष्ट्रगान का दर्जा देने की मांग करने वाली याचिका ईरान द्वारा पकड़े गए पोत में सवार 9 भारतीय रिहा, तीन अब भी गिरफ्त में कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलने की तैयारी शुरू