लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी विवाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) पर 10 हजार रुपये जुर्माना जमा करने की शर्त पर 10 दिन में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया है। यह हर्जाना उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति में अगली सुनवाई तक जमा करना होगा। अदालत ने समय दिये जाने के बाद भी हलफनामा दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है। यह आदेश जस्टिस प्रकाश पाडिया ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को दिया है। अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का पुरातात्विक सर्वे कराने के वाराणसी की कोर्ट के आदेश पर पहले ही 31 अक्टूबर तक रोक लगा रखी है। ASI डायरेक्टर से हलफनामा मांगा गया था। कुल 5 याचिकाओं में से अर्थहीन हो चुकी तीन याचिकाओं पर 12 सितंबर को ही सुनवाई संपन्न हो चुकी है। बाकी दो याचिकाओं पर सुनवाई जारी है। जिनमे से एक याचिका अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और दूसरी याचिका यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दाखिल की है। बता दें कि, गत वर्ष वाराणसी की जिला कोर्ट ने विवादित परिसर का ASI से सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। 28 सितंबर को अदालत ने जवाब दाखिल करने का दो हफ़्तों का वक़्त दिया था। ASGI शशि प्रकाश सिंह व केंद्र सरकार के वकील मनोज कुमार सिंह ने अदालत से छह सप्ताह का वक़्त मांगा। कोर्ट ने न्याय हित में जुर्माना जमा करने की शर्त पर मोहलत दे दी है। अब पार्टी में आपकी भूमिका क्या होगी ? राहुल बोले- ये तो खड़गे साहब ही तय करेंगे बंगाल: हिन्दुओं के घरों पर पेट्रोल बमों से हमला, पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिन की घटना, NIA करेगी जांच ये तो होना ही था ! खड़गे बने कांग्रेस सुप्रीमो, क्या 'गांधी परिवार' से हार गए शशि थरूर ?