लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नॉएडा में हुए जिम ट्रेनर को गोली मारने के मामले में नया मोड़ आया है. इस फ़र्ज़ी मुठभेड़ में यूपी पुलिस के विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं. एक ओर जहां डीजीपी हेडक्वार्टर से जारी हुई प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि जिम ट्रेनर अपने साथियों और सब इंस्पेक्टर के साथ खाना खा रहा था, जहां उनके बीच में कुछ विवाद हुआ और विवाद बढ़ने पर जिम ट्रेनर को गोली लग गई. वहीं इस मामले में नोएडा के पुलिस चीफ का बयान बिल्‍कुल अलग है. नोएडा के एसएसपी लव कुमार ने कहा कि कुछ लड़के पब्लिक प्‍लेस में खड़े होकर शराब पी रहे थे और कार में ऊंची आवाज में म्‍यूजिक सुन रहे थे. इस दौरान सब इंस्‍पेक्‍टर वहां पहुंचे और उन्‍होंने शराब के नशे में धुत व्‍यक्ति को कार में बैठने को कहा. इस विवाद के चलते उनकी पिस्‍तौल से गोली चली और जीतेंद्र यादव को लगी. बयानों में इस विरोधाभास के बाद मानवाधिकार ने इस मामले को हाथों हाथ लिया है, मानवाधिकार यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर इस मामले में ख़ुद दखल देने को कहा है. साथ ही छह हफ़्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. आपको बता दें कि शनिवार को एक जिम ट्रेनर को पुलिसकर्मी द्वारा गोली मारने का मामला सामने आया था, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, युवक की हालात अभी गंभीर है. युवक के परिजनों का आरोप है कि यह मामला जाति से संबंधित है और पुरस्‍कार पाने के लिए यह एनकाउंटर किया गया. हालांकि पुलिस ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. विमान से जब्त किया करोड़ो का सोना 17 वर्षीय छात्रा के साथ प्रोफेसर ने किया यौन शोषण मनोरोगी माँ के पागलपन का शिकार बनी औलाद