हजारीबाग की ओपन जेल में बागवानी करेंगे लालू

पटना : चारा घोटाले के मामले में रांची की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को सजा सुना दी है. अदालत ने अपने इस फैसले के साथ राज्य सरकार को सुझाव दिया कि वह लालू समेत बाकी दोषियों को रांची के होटवार की बिरसा मुंडा जेल से निकाल कर हजारीबाग की ओपन जेल में भेज सकते हैं.जिसके बाद आज लालू को हजारीबाग की ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा. और वे वहां पर बागवानी कर सकते है 

अदालत ने अपने इस आदेश में कहा गया है कि यह सभी दोषी उम्रदराज हैं साथ ही इनमें से कई ऐसे हैं जिनके पास बागवानी, खेती और पशुपालन से संबंधित अनुभव है, हजारीबाग की खुली जेल में वह अपने अनुभव का भी इस्तेमाल कर सकते हैं और वह जगह इन सभी लोगों के लिए मुनासिब रहेगी.

रांची से करीब 100 किलोमीटर दूर बनी हजारीबाग की ओपन जेल नवंबर 2013 में बनकर तैयार हुई थी. सामने आई जानकारी के मुताबिक इस जेल में 100 कॉटेज बने हुए हैं इन कॉटेज में रहने के साथ ही खाना बनाने और ज्वाइंट बाथरूम की भी सुविधा है और इसके जरिए एक कैदी को ऐसा माहौल देने की कोशिश की जाती है जिससे कि वह समाज की मुख्यधारा में आसानी से वापस आ सके. मिली जानकारी के मुताबिक इस जेल में सजायाफ्ता कैदी के 18 साल से कम उम्र के बच्चे और उसकी पत्नी भी कुछ दिन उसके साथ गुजार सकते हैं.

हजारीबाग की ओपन जेल के अंदर बागवानी होती है, सिलाई बुनाई का काम भी होता है और इसके साथ ही में पशु पालन को लेकर भी इंतजाम किए गए हैं हालांकि अभी तक यहां पर पशु नहीं पहुंचे हैं लेकिन जल्द ही पशु भी यहां पर लाए जाने की योजना पर विचार हो रहा है.हजारीबाग की इस ओपन जेल में कुछ पूर्व नक्सली भी बंद है और उनको यहां रखने की वजह है जिससे कि वह समाज की मुख्यधारा में वापस आ सकें.

 

लालू यादव की बड़ी बहन का निधन

अखिलेश ने बीजेपी पर लालू के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया

खत्म हुए सवाल, लालू को सज़ा 3.5 साल

 

Related News