कोच्ची: केरल उच्च न्यायालय में सोमवार (22 नवंबर 2021) को एक याचिका दाखिल कर सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में ‘अरावणा’ और ‘अप्पम’ प्रसाद बनाने के लिए ‘हलाल’ गुड़ के इस्तेमाल पर तंत्री (मुख्य पुजारी) की राय पूछी गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े याचिकाकर्ता एस. जे. आर. कुमार ने तंत्री की राय के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। कुमार ने गुड़ और चावल से निर्मित हलवा ‘अरावणा’ और मीठे चावल और गुड़ से बनने वाले लड्डू ‘अप्पम’ को बनाने के लिए हलाल प्रमाणित गुड़ खरीदे जाने का विरोध किया है। बता दें कि अयप्पा मंदिर में भक्तों को ‘अरावणा’ और ‘अप्पम’ का प्रसाद दिया जाता है। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजित कुमार की बेंच ने खाद्य सुरक्षा विभाग से याचिका पर जवाब माँगा है। कोर्ट ने कहा है कि वह बुधवार (24 नवंबर 2021) को इस मामले पर विचार करेगी। इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग के आयुक्त अपना जवाब दायर करेंगे। सबरीमाला में भगवान अयप्पा मंदिर का प्रबंधन संभालने वाले त्रावणकोर देवास्वम् बोर्ड (TDB) ने 18 नवंबर को कोर्ट को बताया था कि उसे जो गुड़ मिला है, उसकी पैकेजिंग पर ‘हलाल’ लिखा हुआ था। इस गुड़ को अरब देशों को एक्सपोर्ट किया जाता है। TDB ने कोर्ट को यह भी बताया कि ‘अप्पम’ और ‘अरावणा’ को बनाने में इस वर्ष की शुरुआत में प्राप्त की गुड़ का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसने बताया कि इस वर्ष सितंबर में पुराने गुड़ की जाँच करने के बाद उसे नीलाम कर दिया गया। जाँच में पाया गया कि ये गुड़ मानव उपभोग के लिए सही नहीं हैं। इसके बाद इस गुड़ की नीलामी कर मवेशियों का भोजन बनाने के लिए त्रिशूर के साउदर्न एग्रो टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया था। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर इस राज्य में मिली राहत, जानिए अपने शहर का भाव एनआईए ने जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में कई ठिकानों पर छापे मारे ऑस्ट्रेलिया दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों, श्रमिकों के लिए अपनी सीमाएं खोलेगा