हनुमान जन्मोत्सव का पर्व हर साल मनाया जाता है और यह पर्व इस साल 16 अप्रैल को मनाया जाने वाला है। ऐसे में अगर आप हनुमान जी के भक्त हैं तो आप इन मन्त्रों और आरती से श्री हनुमान को खुश कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं श्री हनुमान जी के मंत्र और उनकी आरती। श्री हनुमान जी के मंत्र- ॐ तेजसे नम: ॐ प्रसन्नात्मने नम: ॐ शूराय नम: ॐ शान्ताय नम: ॐ मारुतात्मजाय नमः ॐ अं अंगारकाय नमः' ऊॅं कपिसेनानायक नम: ऊॅं वज्रकाय नम: मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं I वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट ॐ हं हनुमते नम: श्री हनुमान जी की आरती- श्री हनुमंत स्तुति ॥ मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥ वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जाके बल से गिरवर काँपे । रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई । संतन के प्रभु सदा सहाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ दे वीरा रघुनाथ पठाए । लंका जारि सिया सुधि लाये ॥ लंका सो कोट समुद्र सी खाई । जात पवनसुत बार न लाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ लंका जारि असुर संहारे । सियाराम जी के काज सँवारे ॥ लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ पैठि पताल तोरि जमकारे । अहिरावण की भुजा उखारे ॥ बाईं भुजा असुर दल मारे । दाहिने भुजा संतजन तारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें । जय जय जय हनुमान उचारें ॥ कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती करत अंजना माई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ॥ जो हनुमानजी की आरती गावे । बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥ लंक विध्वंस किये रघुराई । तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ ॥ इति संपूर्णंम् ॥ बुरी नजर से बचाती है हनुमान चालीसा, पाठ से होते हैं चौकाने वाले फायदे आखिर क्यों साल में 2 बार मनाई जाती है हनुमान जयंती? हनुमान जयंती के दिन नारियल से करें यह उपाय, दूर होगा शनि दोष